जय किसान आंदोलन व साझा संस्कृति मंच ने किसानों पर दमनात्मक कार्रवाई की निंदा की

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24 दिसंबर। जय किसान आंदोलन ने आजमगढ़ एयरपोर्ट परियोजना का विरोध कर रहे किसानों और कार्यकर्ताओं पर दमनात्मक कार्रवाई की निंदा की है। आजमगढ़ के किसान और स्थानीय नागरिक भूमि अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि इस भूमि अधिग्रहण से आजमगढ़ के आठ गाँव और लगभग 25,000 लोग प्रभावित होंगे। भूमि अधिग्रहण के विरोध में आजमगढ़ के खिरिया की बाग में चल रहे धरने को 73 दिन हो गए हैं। यह धरना लगातार जारी है।

इस आन्दोलन के समर्थन में आज कई किसानों और कार्यकर्ताओं ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले वाराणसी से खिरिया का बाग तक एक पदयात्रा का आयोजन किया। हालांकि, जल्द ही उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस ने वाराणसी में हिरासत में ले लिया, और शांतिपूर्ण पदयात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया। कई नेताओं को पुलिस ने लखनऊ छोड़ दिया।

आजमगढ़ आंदोलन के नेताओं में से एक, राजीव यादव और उनके भाई विनोद यादव, जो आजमगढ़ जा रहे थे, का अज्ञात लोगों द्वारा अपहरण कर लिया गया। राजीव के साथ जा रहे पिंटू और प्रवेश के मुताबिक ये लोग बिना नंबर प्लेट वाली सूमो में पहुंचे थे। उन्होंने खुद को एटीएस बताया, हालांकि उन्होंने वर्दी नहीं पहनी थी। दोनों भाइयों से हाथापाई कर उन्हें गाड़ी में बैठा कर ले जाया गया। शाम 7 बजे भारी हंगामे के बाद उन्हें रिहा किया गया।

जय किसान आंदोलन ने नागरिकों के विरोध करने के अधिकार पर इस हमले की और किसानों तथा स्थानीय समुदाय को बर्बाद करने वाले विकास के मॉडल की निंदा की है।

किसान यात्रा के रोके जाने एवं आंदोलन के नेताओं को कथित रूप से अवैध हिरासत में लिये जाने पर साझा संस्कृति मंच का बयान-

आजमगढ़ में प्रस्तावित एयरपोर्ट जमीन अधिग्रहण के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में शनिवार 24 दिसंबर को अंबेडकर पार्क कचहरी बनारस से प्रख्यात समाजसेवी डॉ संदीप पांडे मैग्सेसे पुरस्कार विजेता की अगुवाई में एक यात्रा आजमगढ़ तक होनी थी। उक्त यात्रा को वाराणसी पुलिस ने जबरन रोक दिया। डॉ संदीप पांडे और अन्य यात्रियों को पुलिस की गाड़ी में लखनऊ की ओर वापस जबरदस्ती भेज दिया गया। यात्रा के लिए जुटे अन्य राजनैतिक, समाजसेवी, बुद्धिजीवी, प्रबुद्ध नागरिक समाज के लोगों को वापस भेज दिया गया। उक्त अफरातफरी के बीच पता चला कि आजमगढ़ के साथी राजीव यादव और उनके भाई लापता हैं। उनके साथ साथ गद्दी में चल रहे पिंटू और प्रवेश के अनुसार, “बनारस आजमगढ़ सीमा से सटे तोराव क्षेत्र में अचानक बिना नंबर प्लेट की सूमो गाड़ी ने ओवरटेक कर रोका। उसमें से सादी वर्दी में उतर कर आए लोगों ने अपने आप को STF बताते हुए कार की चाभी छीन ली। जबरन राजीव यादव और उनके बड़े भाई अधिवक्ता विनोद यादव को गाड़ी से उतारा, मारपीट की, और उन्हें ले कर चले गए। बाकी बचे लोगों ने 112 पर फोन करके पुलिस को सूचना दी पर अब तक उन दोनों का कुछ भी पता नहीं चल सका है।

उनके परिजन अत्यंत चिंतित हैं। पिछले 2 घंटे से राजीव और उनके भाई के बारे में कोई जानकारी आंदोलन के साथियों को नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि राजीव और उनके भाई को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हमारी मांग है कि वाराणसी प्रशासन इस स्थिति को संज्ञान में लेते हुए राजीव और उनके भाई के विषय में स्थिति को स्पष्ट करे। यदि उन्हें हिरासत में लिया गया है या किसी तरह की पूछताछ हो रही है तो उसके विषय में भी परिजनों को तत्काल सूचित करें ताकि ताकि वह विधिक कार्रवाई कर सकें।

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