दिल्ली विवि के छात्रों पर बर्बरता बेहद शर्मनाक, माफी माँगे दिल्ली पुलिस – यूथ फॉर स्वराज

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3 मई। यूथ फॉर स्वराज ने दिल्ली पुलिस द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के कला संकाय के विद्यार्थियों के साथ अभद्रता व मारपीट के बाद उन्हें हिरासत में लिये जाने की कड़ी निंदा की है। यूथ फॉर स्वराज ने कहा है कि दिल्ली पुलिस एक संस्था की तरह नहीं बल्कि बीजेपी की प्राइवेट आर्मी की तरह काम कर रही है। यह और भी दुखद है कि पुलिस ने महिला विद्यार्थियों के साथ भी अभद्रता की।

ये दमन उस समय हुआ जब विद्यार्थी शांतिपूर्वक भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा के सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए मार्च निकाल रहे थे। ये मार्च जंतर-मंतर पर धरना दे रही कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों के ललिए समर्थन में, न्याय की माँग को लेकर निकाली जा रही थी।

विदित है कि दिल्ली पुलिस ने सर्वोच्च न्यायालय के दखल के बाद ही बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज की है, लेकिन अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। जबकि उनपर कई महिला खिलाडियों के यौन शोषण के आरोप हैं, जिनमें एक नाबालिग खिलाड़ी ने भी शिकायत की है। पुलिस द्वारा की गई मारपीट में 2 विद्यार्थियों की टांग टूट गई है। विद्यार्थियों को इस तरह मारा गया, कि कई विद्यार्थियों के चश्मे टूट गए, भगदड़ में जूते खो गए। दिल्ली पुलिस का इस तरह का बर्बर रवैया बेहद अमानवीय है। जिस तरह से विद्यार्थियों को एक अन्याय के विरुद्ध देश की राजधानी में और भारत के एक प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में पीटा गया, उससे यह प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस देश के शिक्षित युवाओं और आतंकवादियों के बीच का अंतर भूल चुकी है।विद्यार्थियों को हिरासत में लेकर उन पर दबाव बनाया जा रहा है कि मार्च में भाग ले रहे अन्य साथियों के नाम बताएं ताकि उन पर धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया जा सके।

पुलिस की इस तरह की कार्रवाई अभिव्यक्ति की आजादी को कुचलने की सरकार की मंशा को ही जाहिर करता है। यूथ फॉर स्वराज ने दिल्ली पुलिस से माँग की है कि वह अपने इस कृत्य के लिए माफी माँगे। साथ ही यूथ फॉर स्वराज ने एक बार फिर दोहराया है कि वह जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ तब तक खड़ा है, जब तक उनकी माँगें नहीं मान ली जातीं। यह न केवल देश की खेल प्रतिभाओं का अपमान है, बल्कि महिला सुरक्षा पर भी सरकार और सरकारी संस्थाओं के गैरजिम्मेदाराना रवैये को दर्शाता है। वहीं इस घटना पर स्वराज इंडिया के संस्थापक योगेंद्र यादव ने कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि जिसके विरोध में खिलाड़ी धरना दे रहे हैं, वो बृजभूषण सिंह आज तक भी खुल्ला घूम रहे हैं, और दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्रों को खिलाड़ियों के समर्थन में मार्च करने के लिए अंदर किया जा रहा है। प्रशासन जल्द से जल्द छात्रों को रिहा करे।

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