7 जून। हिंद मजदूर सभा ने ओड़िशा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में मृतक यात्रियों के परिवारों के प्रति शोक संवेदना प्रकट की है, तथा हादसे में घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है।
हिंद मजदूर सभा ने कर्मचारियों की माँगों की अनदेखी करने को लेकर कड़े शब्दों में सरकार की निंदा की है। हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू ने एक प्रेस नोट जारी करके कहा कि इस भयानक रेल दुर्घटना से पूरा देश स्तब्ध है। यह दुर्घटना देश की दूसरी सबसे भयानक रेल दुर्घटना थी। भारतीय रेलवे आम आदमी के लिए परिवहन का सबसे सस्ता और सुलभ साधन है, जो प्रतिदिन 2 करोड़ 30 लाख से अधिक यात्रियों को एक स्थान से उनके गंतव्य तक पहुँचाता है।
उन्होंने आगे कहा कि रेलवे की रिपोर्ट के अनुसार, विगत 4 वर्षों के दौरानज्ञपटरी से उतरने के 1129 मामले दर्ज किए गए हैं। श्री सिद्धू ने रेल हादसों में वृद्धि के कारणों का जिक्र करते हुए कहा कि श्रमशक्ति में अंधाधुंध कमी और सभी महत्वपूर्ण गतिविधियों में आउटसोर्सिंग को बढ़ावा देना इसके प्रमुख कारणों में से एक है। उन्होंने कहा, कि 1991 में रेलवे में जनशक्ति 16.5 लाख थी, जो 2020 में घटकर 12.53 लाख हो गई। सुरक्षा श्रेणी में भी लाखों पद रिक्त पड़े हैं, जिससे कामगारों पर काम का अधिक बोझ पड़ने से वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। तनाव से कार्यशीलता पर कुप्रभाव पड़ता है। अंततः ये किसी भयानक हादसे में परिणत हो जाता है।
श्री सिद्धू ने आगे कहा कि ‘कवच की लॉन्चिंग’ प्रधानमंत्री जी एक कार्यक्रम मात्र था। जमीनी हकीकत कुछ और ही है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय रेलवे के पास 68,043 किमी से अधिक रेलवे नेटवर्क, 7349 स्टेशन, 12,870 लोकोमोटिव हैं। कवच तभी बेहतर सेवा दे पाएगा, जब हर स्टेशन, हर लोकोमोटिव सिस्टम से जुड़ा हो। इसके लिए तकरीबन एक लाख बीस हजार करोड़ की जरूरत है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्तमान में रेलवे ने सिर्फ 1450 किलोमीटर रेलवे ट्रैक को कवर किया है, और एक लाख बीस हजार करोड़ के मुकाबले 1000 करोड़ से कम की राशि खर्च की है।
रेलवे के कामकाज की खामियों को उजागर करने के साथ ही हिन्द मजदूर सभा ने कुछ मांगें भी रखी हैं जो इस प्रकार हैं-
प्रमुख माँगें
1) कवच को अमली जामा पहनाने के लिए उपयुक्त बजट आवंटित किया जाए।
2) वंदे भारत के लिए बजट आवंटन को वापस लिया जाए तथा इस बजट को रखरखाव, पेट्रोलिंग और रेल आवाजाही की निगरानी में खर्च किया जाए।
3) रेल मंत्री द्वारा विभिन्न समितियों की सिफारिशों पर तत्काल समीक्षा की जाए।
4) रेलवे में सभी रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए।
5) रनिंग स्टाफ विशेष रूप से लोको-पायलटों को लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर न किया जाए।
6) मृतक परिजनों के कम से कम एक सदस्य को नियमित रोजगार और उचित मुआवजे का भुगतान किया जाए तथा सभी घायलों के लिए मुफ्त इलाज और उचित मुआवजे की व्यवस्था की जाए।
7) रेलवे द्वारा कराई जा रही निष्पक्ष उच्चस्तरीय जाँच के परिणाम को आम जनता के साथ भी साझा किया जाए।
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