शामली में कौमी एकता का नायाब नमूना, हजारों कांवड़ों की जान बचाते हैं मुसलमान

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19 जुलाई। उप्र के शामली जिले ने कौमी एकता का नायाब कहानी पेश की है। सावन की मशहूर कांवड़ यात्रा में हर साल की तरह इस साल भी लाखों कांवड़ियों ने पूरे जोश से हरिद्वार का रुख किया। हमेशा की तरह फिर शामली जिले में यमुना घाटों पर कांवड़ियों की हिफाजत के लिए मुसलमान गोताखोर तैनात किए गए। यमुना स्नान के दौरान हिंदू भक्तों की हिफाजत के लिए तैनात स्थानीय मुसलमान गोताखोर पिछले 10 साल से उनकी हिफाजत कर रहे हैं। इन मल्लाहों ने अनेक कांवड़ों की जान बचाकर आपसी प्रेम का नायाब नमूना पेश किया है।

शामली के जिला पंचायत ठेकेदार ने बीबीसी न्यूज के हवाले से बताया कि ये सभी तैराक अपने कार्य में निपुण हैं। इस बार इनकी ड्यूटी 4 जुलाई से लेकर 15 जुलाई तक लगी थी। ये लोग अपनी जान की बाजी लगाकर कांवड़ियों की हिफाजत करते हैं। इस वर्ष तैनात गोताखोरों में कॉमर्स ग्रेजुएट दिलशाद अहमद और पॉलीटेक्निक की डिग्री वाले अफजाल भी शामिल हैं। शामली में मौजूद एहतमाल तिमाली गाँव के गोताखोरों ने अपने हुनर और हिम्मत के एवज में अनगिनत दुआएं बटोरी हैं।


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