दक्षिणी ओड़िशा में पर्यावरण बचाने पर लगा यूएपीए

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# राज्य सरकार कारपोरेट के साथ; आदिवासियों पर जुल्म ढा रही – पीयूसीएल

30 अगस्त। 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस मनाया जाता है। दक्षिणी ओड़िश, खासकर अविभाजित कोरापुट और कालाहांडी जिलों के कुछ हिस्सों के पहाड़ी, बॉक्साइट-समृद्ध क्षेत्र के स्थानीय आदिवासी और दलित समुदाय अपने अधिकारों के दावे को जताने के लिए विश्व आदिवासी दिवस के आयोजन की तैयारी कर रहे थे तभी ओड़िशा पुलिस ने आधी रात में छापेमारी की। कई लोगों जोर-जबर्दस्ती से उठाया और अवैध हिरासत सहित शारीरिक हमला करने से लेकर जेलों में डालने तक दमनात्मक कार्रवाई में कुछ भी बाकी नहीं छोड़ा।

यह सारा काम पुलिस और प्रशासन द्वारा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि कंपनियों द्वारा बॉक्साइट भंडार की लूट में कोई आड़े ना आए।

नियमगिरि सुरक्षा समिति के 9 कार्यकर्ताओं पर यूएपीए की धाराएं लगाई गई हैं। इनमें लादा सिकाका, द्रेंजू कृषिका और लिंगराज आजाद भी शामिल हैं। 4 दिनों तक लापता रहने के बाद उपेन्द्र बाग को यूएपीए के तहत जेल में डाल दिया गया है। समिति के एक युवा कार्यकर्ता कृष्णा सिकाका को बलात्कार के आरोप वाली एक पुरानी मनगढ़ंत एफ़आईआर के तहत कैद में रखा गया है।

काशीपुर और थुआमुल रामपुर ब्लॉक में सिजलीमाली पर्वत के खनन के खिलाफ आंदोलन के 25 से अधिक प्रमुख कार्यकर्ता 13 से 20 अगस्त 2023 के बीच गिरफ्तार किए गए और वे जेल में हैं।

माली पर्वत सुरक्षा समिति के आदिवासी नेताओं को 23 अगस्त की शाम सेमिलिगुड़ा, कोरापुट के पास से अपहरण कर 26 अगस्त की सुबह रहस्यमय तरीके से दांतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के पास छोड़ दिया गया, जहाँ से उन्हें उनके परिवारों ने बचाया।

कई लोगों को हाटों और सड़कों से उठाया गया। कई अन्य लोगों को या तो कई दिनों तक हिरासत में रखा गया या बाद में जेल भेज दिया गया। रायगढ़ा सब-जेल में लगभग 25 लोगों को कैद किया गया है।

ऐसी कई एफआईआर हैं जिनमें 100 से अधिक लोगों के नाम शामिल हैं। एफआईआर में “अन्य” जोड़ दिए जाने से और अधिक गिरफ्तारियों की जा सकती हैं। कई युवा पुलिस से बचने के लिए जंगलों में छिप गये हैं। अलीगुना का एक व्यक्ति बचने के लिए छत से कूद गया, उसे पीठ में चोट आई है। एमकेसीजी, बरहामपुर में उसका इलाज किया जा रहा है। कई अन्य घायलों को इलाज नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उन्हें डर है कि गाँव से बाहर निकलने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। कई अन्य लोग घायल हैं और इलाज पाने में असमर्थ हैं।

तीन गाँवों की महिलाओं ने रायगढ़ा जाकर जिला कलेक्टर से मुलाक़ात की और पुलिस तथा कंपनी के गुंडों की बेरहमी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया. उन्होंने पूछा “यहाँ पुलिस वास्तव में किसकी रक्षा कर रही है, कंपनी की या सिजिमाली, कुटरुमाली, मांझीमाली के लोगों की?”

यह महज संयोग नहीं है कि राज्य और केंद्र में सत्तारूढ़ दलों बीजेडी और बीजेपी के साथ बॉक्साइट भंडार के अधिग्रहण में तेजी लाने के साथ सत्ता का दमन उग्र हो गया है। दोनों सत्तारूढ़ दल आगामी चुनावों के समय आंदोलकारी नेताओं और सक्रिय सदस्यों को सलाखों के पीछे डालकर इन आंदोलनों की आवाज़ को कुचलना चाहते हैं।

इन्हीं हालात के मद्देनज़र हम देश के सभी नागरिकों से अपील करते हैं :

• दक्षिणी ओड़िशा के संघर्षरत लोगों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करें!

• बीजू जनता दल के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पुलिस दमन के कायरतापूर्ण कृत्यों की निंदा करें।

• ओड़िशा सरकार द्वारा नियमगिरि सुरक्षा समिति को माओवादी फ्रंटल संगठन बताने का विरोध करें।

• राज्य और पूंजीवाद के खिलाफ संघर्ष को मजबूत करने के लिए समर्थन और एकजुटता प्रदान करें।

• आदिवासी क्षेत्रों में खनन प्रस्तावों और पट्टों को रद्द करने की माँग करें जो लोगों की स्वतंत्र, पूर्व और सूचित सहमति का उल्लंघन करते हैं।

• मानव आवासों और पारिस्थितिक तंत्रों की रक्षा के लिए पारिस्थितिक विनाश और उसके साथ होने वाले राजनीतिक अन्याय का विरोध करें।

हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे इस निर्मम दमन को तत्काल रोकने और कैद किए गए आंदोलनकारियों को तुरंत रिहा करने के लिए ओड़िशा के मुख्यमंत्री को फोन करें और / या ईमेल भेजें : +91-0674-2390902, cmo@nic.in, cmodisha@nic.in

श्री वी.के. पांडियन, आईएएस, मुख्यमंत्री के निजी सचिव, उड़ीसा : +91-0674-2536762, 2322165 cmo@nic.in, cmo_ps@nic.in

# पीयूसीएल की ओर से कविता श्रीवास्तव (अध्यक्ष) और वी सुरेश (महासचिव) द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर

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