16 मार्च। कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब को इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा मानने से इनकार कर दिया। साथ ही साथ स्कूलों में ड्रेस ही पहनने का फैसला सुनाया। इससे क्षुब्ध होकर राज्य के एक कॉलेज की छात्राओं ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया। हिजाब पहनी हुईं ये छात्राएं अपने आपको परीक्षा से अलग कर लिया और सभी हाल में एकत्र हो गयीं। कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला आने के कुछ समय यह घटना सामने आई। इंडिया टुडे के अनुसार कर्नाटक के यादगिर के सुरापुरा तालुका के केमबावी सरकारी कॉलेज की छात्राओं परीक्षा का बहिष्कार किया है। ये छात्राएं कॉलेज में हिजाब पहनकर ही परीक्षा देने पहुंची थीं। परीक्षा मंगलवार को 10:30 से लेकर 1 बजे तक होनी थी।
कॉलेज की प्राचार्य शकुंतला ने इन छात्राओं से माननीय हाईकोर्ट के आदेश का पालन करने को कहा, लेकिन छात्राओं ने इसे मानने से इंकार कर दिया और परीक्षा कक्ष से बाहर आ गईं। प्राचार्य द्वारा परीक्षा का बहिष्कार करने वाली छात्राओं की संख्या 35 के आसपास बतायी गयी। उक्त छात्राओं ने कहा है कि वे अपने अभिभावकों से चर्चा करने के बाद तय करेंगी कि वे बगैर हिजाब के कक्षा में हाजिर होंगे या नहीं। एक छात्रा ने तो एक कदम और बढ़कर कहा कि हम हिजाब पहनकर ही परीक्षा देंगे और यदि इसे उतारने को कहा गया तो परीक्षा नहीं देंगे।
कर्नाटक हाईकोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को हिजाब मामले में अहम फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की आवश्यक परंपराओं में शामिल नहीं है। कक्षाओं में समरूपता लाने के लिए यूनिफॉर्म तय करना एक उचित है, और विद्यार्थी इसका विरोध नहीं कर सकते। पिछले माह हिजाब विवाद काफी गहराया था। कर्नाटक के कई शहरों व कस्बों में इसे लेकर तनाव फैल गया था। आखिरकार मामला हाईकोर्ट पहुंचा और अब फैसला आया। हालांकि फैसले के बाद भी यह विवाद थमने के आसार नहीं है। कुछ संगठनों ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।