वडोदरा की रसायन फैक्टरी में बॉयलर फटने से चार साल की बच्ची सहित चार की मौत

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3 जून। गुरुवार को वडोदरा के नांदेसरी जीआईडीसी में दीपक नाइट्रेट में विस्फोट के साथ आग लग गयी। इसके बाद धमाके की आवाज आयी। अब तक जानकारी के मुताबिक घटना में 15 लोग घायल हो गए और उन्हें पास के अस्पतालों में ले जाया गया। उनमें से चार को या तो मृत घोषित कर दिया गया या इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी। इस घटना में जिन लोगों की जान चली गयी और जो घायल हुए हैं, उनमें श्रमिक के अलावा कुछ वैसे लोग भी शामिल हैं जो विस्फोट के समय उस इलाके से गुजर रहे थे।

मकरपुरा पुलिस थाने के निरीक्षक साजिद बलूच ने कहा, ‘‘चार लोगों की या तो जलने के कारण या विस्फोट से संबंधित किसी वस्तु से चोट लगने से मौत हो गयी। विस्फोट के कारणों की जाँच के लिए फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुँच गयी है।” जानकारी के मुताबिक दीपक नाइट्रेट नाम की एक फैक्टरी में जबरदस्त धमाका हुआ। इसके बाद यहाँ भीषण आग लग गयी। हादसे में खबर लिखने तक 15 मजदूर घायल बताए जा रहे हैं। चार लोगों की मौत की खबर है। रेस्क्यू के लिए फायर ब्रिगेड की टीम भी मौके पर मौजूद है।

‘मेहनतकश’ की रिपोर्ट के मुताबिक, फायर ब्रिगेड के एक कर्मचारी ने बताया, कि धमाका एक बॉयलर में हुआ था। इसके बाद आग पूरे प्लांट में फैल गयी और इसकी चपेट में आकर दो अन्य बॉयलर भी फट गए। पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। किन कारणों से ये हादसा हुआ, अभी तक स्पष्ट नहीं है, लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक धमाके की आवाज दस किलोमीटर दूर तक सुनाई दी थी। मौके पर अफरा-तफरी का माहौल है, लोग काफी डर गए हैं। हादसे के जो वीडियो सामने आए हैं, उनमें धुएं का बड़ा गुबार आसमान में देखने को मिल रहा है। बीच-बीच में आग की लपटें भी दिखाई पड़ रही हैं।

मुनाफे की अंधी हवस में दुर्घटनाओं और मौत का सिलसिला जारी है। इससे पहले भी गुजरात और देश के दूसरे इलाकों में ऐसे जोरदार धमाके हुए हैं। आग की वजह से कई लोगों ने अपनी जान गंवाई है। हाल ही में दिल्ली के मुंडका में भी 4 मंजिला इमारत में भयानक हादसा हो गया था। इसमें 30 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग लापता हो गए थे।

दिल्ली के ही नरेला में एक चप्पल फैक्ट्री में भीषण आग की घटना हुई थी।दिल्ली में इससे पहले नरेला, बवाना, सीलमपुर, नांगलोई, उद्योग नगर, पीरागढ़ी, ओखला, नंद नगरी और रानी झांसी रोड के औद्योगिक क्षेत्रों में इसी तरह की भयावह घटनाएँ देखी गयी हैं, और मौत या अंग-भंग होने का यह सिलसिला जारी है।

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