पटना में प्रतिरोध सभा : तीस्ता सीतलवाड़, आरबी श्रीकुमार, जुबैर को रिहा करने की मांग

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8 जुलाई। नागरिक सरोकारों व जनतांत्रिक अधिकारों के लिए प्रसिद्ध संस्था ‘सिटीजन्स फोरम’, पटना की ओर से सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़, गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार तथा ऑल्ट न्यूज के सह संस्थापक पत्रकार मोहम्मद जुबैर की अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी के खिलाफ गांधी मैदान स्थित कारगिल चौक पर प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया। सभा में बड़ी संख्या में पटना के नागरिक, सामाजिक कार्यकर्ता, छात्र, युवा, ट्रेडयूनियन सहित विभिन्न जनंगठनों के प्रतिनिधि के अलावा आम लोग भी मौजूद थे।

प्रतिरोध सभा के दौरान सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सेतलवाड़, पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार और पत्रकार मुहम्मद जुबैर को अविलम्ब रिहा करो, राजनीतिक विरोधियों पर दमन करने की कार्रवाई बंद करो, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने की साजिश बंद करो, 2002 के गुजरात दंगे के दोषियों को दंडित करो, धार्मिक उन्माद फैलाकर देश का सामाजिक-राजनीतिक माहौल खराब करने की साजिश से बाज आओ, उदयपुर के कन्हैयालाल की नृशंस हत्या की हम भर्त्सना करते हैं, साम्प्रदायिकता और धार्मिक उन्माद के खिलाफ देश की जनता की जुझारू एकता जिंदाबाद जैसे नारे तख्तियों पर लिखे हुए थे।

सबसे पहले सिटीजन्स फोरम के समन्वयक अनीश अंकुर ने सभा को संबोधित करते हुए इन तीनों की गिरफ्तारी को बिना ठोस आधार के बताते हुए कहा “ये तीनों इस कारण जेल भेजे गए क्योंकि ये सरकार की नीतियों के आलोचक थे।” अरुण मिश्रा ने सफदर हाशमी मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा जारी किए गए बयान को सभा के सामने पढ़कर सुनाया। वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद सिन्हा ने पिछले सात-आठ वर्षों में आये बदलावों को रेखांकित करते हुए बताया “भाजपा सरकार के काले सच को उजागर करने के कारण ये कार्यकर्ता जेल में बंद किये गए।”

निवेदिता झा ने कहा, “2002 के गुजरात दंगों के पीड़ितों की सहायता करने के कारण तीस्ता सीतलवाड़ बहुत दिनों से मोदी सरकार के निशाने पर थीं और तमाम कानूनों को धता बताते हुए उन्हें गिरफ्तार किया गया।” संजय श्याम ने कहा, “मोहम्मद जुबैर ने फर्जी और फेक न्यूज के सच को बता दिया। पैगम्बरे-इस्लाम पर अपमानजनक टिप्पणी करने वाले नूपुर शर्मा के सच को बताया इन्हें गलत ढंग से गिरफ्तार किया गया। जिनकी शिकायत पर जुबैर गिरफ्तार किया गया उसने अपना अकाउंट ही डिलीट कर दिया।”

सामाजिक कार्यकर्ता गालिब ख़ान ने आर श्रीकुमार के बारे में बताते हुए कहा, “आरबी श्रीकुमार गुजरात दंगों के बाद इंटेलिजेंस प्रमुख बनाये गए। उन्होंने नानावटी व शाह आयोग के समक्ष गवाही दी थी, अपनी किताब में इसका जिक्र भी किया, इन्हीं वजहों से उन्हें जेल डाला गया जो बिल्कुल गलत है।” सभा को साहित्यकार अरुण शादवल, निवेदिता झा, अनामिका, निकोलाई शर्मा, सूर्यकर जीतेन्द्र, मीरा दत्त, पुष्पेंद्र शुक्ला, नरेंद्र कुमार, जयप्रकाश ललन, रूपेश, उदयन, गोपाल शर्मा आदि ने संबोधित किया। अनिल अंशुमन ने इस मौके पर एक गीत गाया।

सभा में मौजूद प्रमुख लोगों में थे एटक के राज्य अध्यक्ष अजय कुमार, सुनील सिंह, माकपा नेता मनोज चंद्रवंशी, सामाजिक कार्यकर्ता नंदकिशोर सिंह, शिक्षाविद अनिल कुमार राय, अंकित कुमार, राजीव जादौन, रोहित कुमार, गजेंद्र कांत शर्मा, देवरत्न, मंगल पासवान, प्रतिरोध सभा का संचालन जयप्रकाश ने किया जबकि अध्यक्षता ट्रेड यूनियन नेता गणेश शंकर सिंह ने की।

(‘न्यूज क्लिक’ से साभार)

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