3 अगस्त। आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम शहर में एक कंपनी में मंगलवार देर रात संदिग्ध गैस के रिसाव होने से करीब 94 मजदूर गंभीर रूप से बीमार हो गईं हैं। सभी मजदूरों की जाँच की गई है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। घटना विशाखापत्तनम के अचुतापुरम ने स्तिथ Brandix SEZ कपड़ा निर्माण कंपनी की है। प्रभात खबर में आई खबर के मुताबिक वाइजैग के अचुतापुरम पुलिस विभाग के SP अनकापल्ली ने बताया, कि गैस रिसाव कथित तौर पर ब्रैंडिक्स के परिसर में हुआ था।
गैस लीक होने से हड़कंप मच गया। 94 मजदूरों को अस्पतालों में भर्ती कर दिया गया है। गैस रिसाव के कारण 53 महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 41 बीमार महिला मजदूरों को जिले के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बीते दो महीने में इस तरह की यह दूसरी घटना है। पुलिस गैस लिक होने के कारणों का पता लगा रही है। अनाकापल्ले जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी हेमंत ने बताया, “कि यहाँ फिलहाल 53 मजदूरों को जिला अस्पताल में भर्ती किय गया है।” अचुतापुरम इलाके में स्थिति ब्रैंडिक्स इंडिया अपैरल कंपनी (बीआईएसी) की लगभग 94 महिला कर्मचारियों ने साँस लेने में तकलीफ, मतली, आँखों में जलन, पेट दर्द और दस्त की शिकायत की थी।
Brandix SEZ कपड़ा निर्माण कंपनी में हजारों मजदूर काम करते हैं जिनमें ज्यादातर महिलाएँ हैं। दो महीने में यह दूसरी घटना है। बता दें, कि बीते 3 जून को भी इसी जगह ऐसी ही एक घटना घटी थी जहाँ 200 से ज्यादा महिला मजदूर बेहोश हो गई थीं। तब यह संदेह किया गया था, कि पास के पोरस लैबोरेटरीज यूनिट से अमोनिया गैस का रिसाव हुआ था, जिसके कारण यह घटना हुई। घटना के तुरंत बाद हैदराबाद में भारतीय रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान के विशेषज्ञों की एक टीम ने प्रयोगशाला का दौरा किया और रिसाव के कारण का पता लगाने के लिए परीक्षण किए।
इस बीच आंध्र प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने लैब को बंद करने का आदेश दिया। दुर्घटना के बाद कुछ दिनों के लिए पोरस लैब को बंद कर दिया गया था, लेकिन जल्द ही गतिविधियों को फिर से शुरू कर दिया गया। बीते कुछ सालों से लगातार हो रही हैं। गौरतलब है, कि विशाखापट्टनम में हर साल गैस लीक होने से मजदूरों की मौत हो जाती है। बीते 29 जून 2020 को विशाखापट्टनम में स्थित सैनॉर लाइफ साइंसेज प्राइवेट लिमिटेड में बेन्जीमिडेजोल गैस का रिसाव हुआ था। गैस लीक होने की वजह से दो कर्मचारियों की मौत हो गई थी और चार कर्मचारी अस्पताल में भर्ती हुए थे।
वहीं इससे पहले 7 मई 2020 को आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम स्थित एलजी पॉलीमर्स प्लांट से रासायनिक गैस लीक होने की घटना हुई थी। तब इस घटना में 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस गैस लीक कांड में 300 से अधिक लोग प्रभावित भी हुए थे, जिनमें 48 बच्चे शामिल थे। इतना ही नहीं इस घातक गैस लीक के बाद वेंकटपुरम और पास के अन्य गाँवों को खाली करा लिया गया था। पता हो कि यह दुर्घटना लॉकडाउन के कारण 40 दिनों से अधिक समय से बंद पड़े संयंत्र को फिर से शुरू करने की कोशिश के दौरान ही हुई थी।
(‘वर्कर्स यूनिटी’ से साभार)