2 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकार और मानवाधिकार रक्षक तीस्ता सीतलवाड़ को शुक्रवार को उस मामले में अंतरिम जमानत दे दी, जिसमें उन्हें प्रतिशोधी शासन द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों का सामना करना पड़ा है।
मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, एस रवींद्र भट और सुधांशु धूलिया की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने उन्हें जमानत देते हुए कहा, “हमारे विचार में, अपीलकर्ता अंतरिम जमानत पर रिहाई की हकदार है।” अदालत ने हालांकि, सीतलवाड़ को निर्देश दिया कि वह अपना पासपोर्ट तब तक सौंपें जब तक कि गुजरात उच्च न्यायालय इस मामले पर विचार नहीं कर लेता। अदालत ने उन्हें “पूर्ण सहयोग प्रदान करने” का भी निर्देश दिया। अदालत ने आगे आगाह किया कि उसने “मामले पर केवल अंतरिम जमानत के दृष्टिकोण से विचार किया है”, जिसका अर्थ है कि आज पारित आदेश मामले के औचित्य या अनौचित्य को प्रतिबिंबित नहीं करता है। अदालत ने कहा, “गुण (मेरिट) के आधार पर पूरे मामले पर उच्च न्यायालय स्वतंत्र रूप से विचार करेगा और इस अदालत द्वारा की गई किसी भी टिप्पणी से प्रभावित नहीं होगा।”