जल जंगल जमीन बचाने के नारे के साथ नैनीताल में हुआ विशाल प्रदर्शन

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3 सितंबर। हेलंग एकजुटता मंच के बैनर तले 1 सितंबर को कुमाऊँ भर के आंदोलनकारियों का हुजूम नैनीताल की सड़कों पर उतरा। विभिन्न संगठनों के सैकड़ों लोग मल्लीताल पंत पार्क में एकत्रित हुए। हाथों में तख्तियां, बैनर, पोस्टर और माइक लेकर लोगों ने माल रोड होते हुए तल्लीताल तक विशाल जुलूस निकाला। इस बीच लोगों ने नारेबाजी, गीत संगीत के माध्यम से अपने हक की माँग की। लंबे अरसे बाद नैनीताल इस तरह के बड़े प्रदर्शनों का गवाह बना। तल्लीताल डाट पर गांधीजी की मूर्ति के सामने, उत्तराखंड आंदोलन के दौरान 1 सितंबर 1994 को घटित खटीमा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गयी और उसके बाद कुमाऊँ कमिश्नरी पर जाकर यह विशाल जुलूस, सभा में तब्दील हो गया।

तल्लीताल डांठ में आयोजित सभा में आंदोलनकारियों ने कहा, कि हेलंग में हुई घटना से सिर्फ उत्तराखंड के मूलवासियों से उनके हक ही नहीं छीने गए, बल्कि औद्योगिक इकाई के दबाव में काम करते हुए महिलाओं पर कार्रवाई भी की गई, जो कि बेहद निंदनीय है। हेलंग घटना के विरोध के बहाने वे सरकार को जगाना और चेताना चाहते हैं, कि उत्तराखंडियों का उत्पीड़न छोड़ दे। इस दौरान “जल-जंगल-जमीन हमारी नहीं सहेंगे धौंस तुम्हारी”, “दिल्ली-देहरादून सुनो, उत्तराखंड हमारा है”, “पुष्कर सिंह धामी होश में आओ, संसाधनों के लुटेरों का संरक्षण बंद करो”, “नौकरी के लुटेरों का संरक्षण बंद करो”, “जल-जंगल-जमीन की जंग – हेलंग-हेलंग” जैसे नारों से लगभग तीन-चार घंटे नैनीताल की सड़कें और कमिश्नरी गूँजती रही।

गौरतलब है कि 15 जुलाई को चमोली जिले के हेलंग में केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल व उत्तराखंड पुलिस द्वारा महिलाओं से घास छीनने की घटना का प्रतिवाद करने और उत्तराखंड सरकार द्वारा डेढ़ महीने बाद भी किसी दोषी अधिकारी-कर्मचारी पर कोई कार्रवाई न किए जाने के विरुद्ध उत्तराखंड भर के आंदोलनकारी संगठनों का कुमाऊँ मंडल के मंडल मुख्यालय पर यह प्रदर्शन था। साथ ही देहरादून में भी गढ़वाल कमिश्नर के कार्यालय पर प्रदर्शन किया गया।

पाँच सूत्री ज्ञापन आयुक्त कार्यालय में सौपा गया –

प्रदर्शनकारियों का हुजूम डांठ में सभा करने के बाद जुलूस की शक्ल में आयुक्त कार्यालय पहुँचा जहाँ कुमाऊँ आयुक्त को सीएम को संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं से घास छीनने और हिरासत में रखनेवाले सीआईएसएफ को निलंबित करने माँग की।

1) उत्पीड़ित महिलाओं के खिलाफ अभियान चलानेवाले चमोली डीएम को पद से हटाया जाए।

2) वन पंचायत नियमावली के विरुद्ध दी गयी वन पंचायत की गैरकानूनी स्वीकृति को रद्द किया जाए।

3) टीएचडीसी के विरुद्ध नदी में मलबा डालने पर मुकदमा दर्ज किया जाए।

4) हेलंग मामले की जाँच हाईकोर्ट के सेवारत अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश से करायी जाए।

(‘मेहनतकश’ से साभार)

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