15 सितंबर। भारत के संविधान के अनुच्छेद 51-A (g) में, जो कि भारत के नागरिकों के कर्तव्य की बात करता है, कहा गया है, “यह भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा कि वह कुदरती पर्यावरण की रक्षा और पर्यावरण में सुधार करे, जिसमें जंगल, झीलें, नदियां और वन्यप्राणी शामिल हैं, और जीवित प्राणियों के प्रति दयाभाव रखे।” लेकिन हकीकत यह है कि पर्यावरण कार्यकर्ता, जो कि प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए काम करते हैं, खुद सुरक्षित नहीं हैं। प्राकृतिक संसाधनों को लूटनेवाले उनके जान-माल के दुश्मन बने रहते हैं। राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत बतानेवाले संविधान के अनुच्छेद 48 (A) में कहा गया है, “राज्य देश के पर्यावरण तथा इसके जंगलों व वन्यजीवों को बचाने का प्रयास करेगा।” लेकिन सच यह है कि राज्य यानी हमारी सरकारें पर्यावरण की रक्षा तथा प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने, बचाने में नाकाम रही हैं।
2019 में तमिलनाडु के करूर जिले के कुलीतलाई में एक तालाब पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का सहारा लेने पर अतिक्रमणकारियों ने भाड़े के हत्यारों द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता वीरामलाई और उनके बेटे की जान ले ली। इरोड जिले के चेन्नीमलाई में अवैध खनन के खिलाफ आंदोलन चलानेवाले तमिलचेलवन के ऊपर, चेन्नीमलाई बस स्टैंड के सामने उनके कंप्यूटर सेंटर पर, पांच बदमाशों ने लोहे की छड़ों से हमला किया था।
अब पर्यावरण कार्यकर्ता और पेशे से किसान जगनाथन की हत्या हुई है। जगनाथन ब्लू मेटल स्टोन के अवैध खनन को रुकवाने के लिए सक्रिय थे। जगनाथन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ करूर जिले मनमंगलम तालुका के मारीकौन्तापालायम में रहते थे। खेती के अलावा प्रकृति संरक्षण और सामुदायिक संपदा की हिफाजत को लेकर वह बड़े उत्साही रहते थे। जहां वह रहते थे उस इलाके में पत्थर खनन जोरों पर है। अकेले करूर जिले में 300 सक्रिय खदानें हैं। इनमें से 110 लाइसेंसशुदा हैं और 190 गैरलाइसेंसी।
करूर में सेल्वाकुमार का ‘अन्नाई ब्लू मेटल्स’ भी, आवश्यक इजाजत लिये बगैर, अवैध रूप से चल रहा है। अन्नाई ब्लू मेटल्स के लाइसेंस की मियाद फरवरी 2015 में ही खत्म हो गयी थी। फिर भी, बिना अनुमति के, वहां पिछले सात साल से खनन का काम चलता रहा है। इस अवैध खनन के जरिए, सेल्वाकुमार ने सरकार द्वारा तय सीमा से बहुत ज्यादा कुदरती संसाधन की लूट की है और इलाके के लोगों के साथ ही कृषि, पर्यावरण और वहां के अन्य प्राणियों को अत्यधिक नुकसान पहुंचाया है।
जगनाथन से यह सब देखा नहीं गया। वह इसके खिलाफ शांतिमय तथा कानून सम्मत ढंग से लड़ रहे थे। जगनाथन की इस मुहिम से कुपित होकर, तीन साल पहले, अन्नाई ब्लू मेटल्स खदान के मालिक सेल्वाकुमार ने अपने मजदूरों को साथ लेकर जगनाथन पर हमला किया था और भाग गया था। पहले एक बार जगनाथन की हत्या करने में नाकाम रहा सेल्वाकुमार इस बार उन्हें मार डालने में कामयाब हो गया। सेल्वाकुमार, उसके ट्रक ड्राइवर शक्तिवेल, रंजीत कुमार और उसके गुर्गों ने 10 सितंबर को जगनाथन की ट्रक से कुचलकर हत्या कर दी।
स्वराज इंडिया ने हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई और जगनाथन के परिवार के लिए 1 करोड़ रुपए के मुआवजे तथा उनके दो बच्चों में से एक को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। स्वराज इंडिया ने अवैध खनन कर रहे खदान मालिक और उन अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की है जिन्होंने अवैध खनन को नहीं रोका और इस गैरकानूनी धंधे में जिनकी मिलीभगत थी। सरकार को उन सभी पत्थर खदान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो कुदरत तथा खेती को तबाह कर रहे हैं, और पर्यावरण बचाने के लिए सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।
– क्रिस्टीना सामी
अध्यक्ष, स्वराज इंडिया