देश के हर जिले में निकलेंगी ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ यात्राएं

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2 अक्टूबर और 10 दिसंबर के बीच निकाली जाएंगी यात्राएं

26जनवरी 2223 से हर हाथ में संविधान मुहिम शुरू की जाएगी

गांधीजी के शहादत दिवस 30 जनवरी को दिल्ली में मार्च निकाला जाएगा

24 सितंबर। देश में एक ओर विविधता पर सवाल उठाते, ‘विविधता में एकता’ के खिलाफ, जाति और मजहब के नाम पर केंद्र में बैठे सत्ताधीश जहर फैला रहे हैं, उन्होंने नफरत फैलाकर देश में विभाजन ही नहीं, हिंसा से अमानवीयता तक अपने वोट बैंक को हासिल करना चाहते हैं। यह संविधान का और मानव अधिकारों का उल्लंघन हमको अमान्य होते हुए, हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हम नफरत से देशवासियों को छुड़वाना और जाति, धर्म, लिंग आधारित हर भेदभाव को मिटाकर इन्सानियत को बचाना चाहते हैं।

हम बिहार के निवासियों से अनुरोध और अपील करना चाहते हैं कि देश के सैकड़ों जनसंगठनों ने मिलकर एक पहल की है, ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ अभियान की। हम चाहते हैं कि बिहार के जनसंगठनों की पूरी ताकत, जनशक्ति जुड़े और राष्ट्रीय एकात्मता की अलख जगाये।

इस अभियान में देश की आर्थिक बरबादी, जो संसाधनों से सार्वजनिक उद्योगों तक मुट्ठीभर पूंजीपतियों को बेचने से हो रही है, उसके असर, निजीकरण से बेरोजगारी, महंगाई से लूट, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में फैलती वंचना भी जनजागरण के मुद्दे होंगे। जल, जंगल, जमीन को प्राकृतिक समुदायों से छीनकर कंपनियों को देने की साजिश भी हम उजागर करेंगे। हमारा अहम मुद्दा होगा, जनतंत्र और संविधान बचाने का। विकेंद्रिकरण के आधार पर जनतंत्र जीवित रखकर हम चाहेंगे, रोजगार निर्माण और आजीविका की रक्षा। हर नागरिक की बुनियादी जरूरतें पूरी करने से ही बचेगा संवैधानिक अधिकार – जीने का। इन मुद्दों पर भी इस अभियान के दौरान हम जन-जन की पुकार सुनेंगे और विकल्प के मार्ग पर चलने का जनता का जागर हासिल करेंगे।

देश के सैकड़ों जनसंगठनों ने मिलकर यह सोचा है कि देश के हर जिले में ‘नफरत छोड़ो, संविधान बचाओ’ के संदेश के साथ 75 किलोमीटर की यात्राएं 2 अक्टूबर और 10 दिसंबर के बीच निकालेंगे।

आज तक करीबन 120 जनसंगठनों द्वारा 250 जिलों में एक या अधिक यात्राओं को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इन यात्राओं में दलित, आदिवासी, महिला, किसान, मजदूर सभी जाति, धर्म के नागरिक शामिल होंगे तथा किसी संगठन या दल का झंडा बैनर नहीं, अभियान का ही झंडा और बैनर तथा तिरंगा लेकर ही चलेंगे। संविधान के मूल्यों को सुरक्षित रख कर ही हम देश को एकजुट रख सकते हैं।

अभियान का दूसरा हिस्सा होगा 26 जनवरी से 30 जनवरी तक ‘दिल्ली चलो’ का! देश के हर राज्य के साथी 25 जनवरी तक, अपनी अपनी यात्राओं के ही द्वारा ‘वाहन, रेल या रोड किसी भी मार्ग से जागरण करते हुए, दिल्ली की किसी भी सीमा के बाहर पहुंचेंगे और 26 जनवरी के रोज 5 दिन की पैदल यात्रा करते हुए 30 जनवरी के रोज जंतर मंतर, दिल्ली में हजारों की तादाद में गांधी स्मृति से राजघाट मार्च करेंगे, ‘शहादत दिवस’ पर शहीदों के सपने पूरे करने का संकल्प लेकर लौटेंगे।

26 जनवरी 23 से हर हाथ में संविधान मुहिम शुरू की जाएगी। इस पूरे दौर से उभरेगा जनआंदोलन, यही हमारी ख्वाहिश है, देश में परिवर्तन लाने की !

इसी संदर्भ में बिहार के नागरिक समाज संगठन, जन-आंदोलन और सामाजिक कार्यकर्ता गांधी जयंती के अवसर पर नफरत छोड़ो संविधान बचाओ सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं। यह सम्मेलन पटना के सदाकत आश्रम स्थित ब्रज किशोर मेमोरियल हॉल में सुबह 11 बजे से होगा।

– डॉ जी जी परीख, मेधा पाटकर, तुषार गांधी, गीता रामाकृष्णन, शबनम हाशमी, अविक साहा, अरुण श्रीवास्तव, डॉ सुनीलम, फिरोज मिठिबोरवाला, अशोक भारती, राजू बोरा, फैसल ख़ान, गुड्डी

संपर्क : 7738082170,8447715810,
9029277751

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