22 अप्रैल। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने आज शाम हरियाणा प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक विस्तृत बैठक की। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ऑक्सीजन, एम्बुलेंस व अन्य जरूरी सेवाओं के लिए जी टी करनाल रोड का एक हिस्सा खोल दिया जाएगा जिस पर दिल्ली पुलिस ने कठोर बैरिकेड लगाए हुए हैं। किसान कोरोना के खिलाफ जंग में हरसंभव मदद करेंगे। सोनीपत के एसपी, सीएमओ और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हुई इस बैठक में सिंघु बॉर्डर से सयुंक्त किसान मोर्चा के नेता शामिल हुए। जल्द ही मुख्य सड़क का एक हिस्सा इमरजेंसी सेवाओं के लिए खोल दिया जाएगा। सयुंक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि मोर्चा और सभी संघर्षशील किसान इस बात के लिए प्रतिबद्ध हैं कि उनके कारण किसी आम नागरिक को कोई समस्या न हो व कोरोना के खिलाफ जल्दी ही जंग जीती जाए।
संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से जारी बयान के मुताबिक जहां भाजपा और केंद्र सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों पर दिल्ली शहर में ऑक्सीजन की आपूर्ति में बाधा डालने का आरोप लगाया है, वहीं यह देखा गया है कि पुलिस ऑक्सीजन की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को शार्ट रूट और सही मार्ग की ओर इशारा करने की बजाय किसानों के धरना स्थलों की ओर गलत तरीके से रोक रही है। जैसा कि मोर्चा ने पहले भी कहा है, सरकार द्वारा ही सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है और खुले रास्ते को रोका गया है। किसान संख्या में ज्यादा जरूर हैं परंतु वे दूर दूर बैठे हैं वे जरूरी सेवाओं के लिए रास्ता खुला है। सभी विरोध स्थलों पर, किसानों ने पहले से ही आपातकालीन सेवाओं की आवाजाही के लिए रास्ते खुले रखे हुए हैं।
किसान बड़ी संख्या में विरोध स्थलों पर वापस आने की तैयारी कर रहे हैं। 23 अप्रैल को सरकार के ऑपरेशन क्लीन का मुकाबला करने के लिए ऑपरेशन शक्ति के हिस्से के रूप में, ट्रैक्टर ट्रॉलियों में प्रदर्शनकारियों का एक बड़ा काफिला सिंघू बॉर्डर के लिए हरियाणा के सोनीपत जिले के बरवासनी से रवाना होगा। ये किसान किसान-मजदूर संघर्ष समिति से जुड़े हैं। इस काफिले में कई महिला किसान भी होंगी।