10 फरवरी। बुधवार को पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर पत्रकार शशिकांत वारिशे की मौत पर दुख व्यक्त किया, और रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर तत्काल रोक लगाने का आह्वान किया। भूमाफिया के खिलाफ लिखने के कारण शशिकांत वारिशे को कथित तौर पर महाराष्ट्र के राजापुर राजमार्ग के पास एक स्थानीय भाजपा नेता आंबेरकर द्वारा चारपहिया वाहन से कुचल दिया गया। पीयूसीएल(महाराष्ट्र) ने कहा है कि पत्रकार की हत्या उन सभी को चुप कराने और डराने के लिए की गई है, जो बोलने की हिम्मत करते हैं, और परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के नाम पर चल रहे डराने-धमकाने और जमीन हड़पने के कुकृत्य को उजागर करते हैं।
पीयूसीएल ने प्रेस विज्ञप्ति के जरिये बताया कि शशिकांत महाराष्ट्र के रत्नागिरी रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड के खिलाफ उठ रही आवाज को रिपोर्ट कर रहे थे। बीते 6 फरवरी को महानगरी टाइम्स में एक बड़ी खबर छपी, जिसमें एक कथित भू-एजेंट पंढरीनाथ आंबेरकर का जिक्र था, इस रिपोर्ट के साथ कुछ पोस्टर प्रकाशित किए गए, और साथ ही आंबेरकर को एक आपराधिक छवि वाला शख्स बताते हुए सवाल किया गया, कि इस शख्स की तस्वीर पीएम, सीएम, और उपमुख्यमंत्री के साथ क्यों है? हालांकि इस रिपोर्ट के साथ उनकी बाइलाइन नहीं थी। लेकिन बताया ये जा रहा है, कि आंबेरकर को इसकी जानकारी थी, कि वारिशे लंबे वक्त से इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं। इस रिपोर्ट के छपने के महज कुछ घंटे बाद वारिशे के एक्सीडेंट की खबर आई। बताया जा रहा है कि एक एसयूवी ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी जिसमें वो बुरी तरह से जख्मी हो गए, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहाँ इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
इस संबंध में पीयूसीएल(महाराष्ट्र) की प्रमुख माँगें-
1) शशिकांत हत्याकांड की त्वरित व निष्पक्ष जाँच की जाए, और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
2) सरकार द्वारा इस जाँच को राजनीतिक रूप से प्रभावित करने का प्रयास न किया जाए।
3) महाराष्ट्र सरकार मृतक शशिकांत के परिजनों को पर्याप्त मुआवजे की घोषणा करे, साथ ही शशिकांत के परिजनों और मामले से जुड़े गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
4) सरकार द्वारा उक्त परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तत्काल रोक दिया जाए।