5 मई। पहलवानों पर पुलिस द्वारा की गयी ज्यादती से हालात तनावपूर्ण हो चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमाम शोर-शराबे के बीच इस आंदोलन में खापों के भी कूद पड़ने के संकेत हैं। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नयी दिल्ली में जंतर मंतर पर पहलवानों के धरने से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है। सोरम, मुजफ्फरनगर में सर्वखाप मुख्यालय पर आयोजित खाप चौधरियों की बैठक के निर्णयानुसार 7 मई को सभी खापों के पदाधिकारी जंतर-मंतर जाएंगे। खापों ने खिलाड़ियों से अभद्रता करने वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड करने के लिए 2 दिन का वक्त दिया है।
वहीं दूसरी तरफ पहलवानों को भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) का भी समर्थन मिला है। भाकियू ने बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने पर देश भर में आंदोलन छेड़ने की चेतावनी दी है। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में शुक्रवार को भाकियू के पदाधिकारियों ने कुश्ती खिलाड़ियों का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन पुलिस को सौंपा। कुश्ती संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी न होने पर धरने का अल्टीमेटम दिया। भाकियू ने मीडिया के हवाले से बताया, कि 10 दिनों से पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं, किंतु आरोपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बजाय उन्हें ही परेशान किया जा रहा है।
पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) ने शुक्रवार को एलान किया कि यूनियन से जुड़ी हजारों किसान महिलाएं 7 मई को जंतर मंतर पर धरने में शामिल होंगी। इसके अलावा यूनियन से जुड़ी महिलाएं 11, 12 और 13 मई को भी पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड में विरोध प्रदर्शन करेंगी।
किसान संगठनों के अलावा छात्र संगठनों, जन संगठनों, सामाजिक संस्थाओं और सरोकारी नागरिकों की तरफ से, जंतर मंतर पर धरने पर बैठे कुश्ती खिलाड़ियों के प्रति समर्थन बढ़ता जा रहा है। देश भर में कई जगह से उनके समर्थन में प्रदर्शन करने की खबरें आ रही हैं। सोशल मीडिया पर आ रही अनगिनत पोस्टों से भी समर्थन के सैलाब का अंदाजा लगाया जा सकता है। क्या किसान आंदोलन के बाद एक और बड़ा जन आंदोलन आकार ले रहा है?
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