उत्तराखंड में रेलवे द्वारा घरों को खाली कराने के विरोध में उठी आवाज

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19 मई। उत्तराखंड के लालकुआं स्थित रेलवे द्वारा नगीना कॉलोनी को खाली करने का नोटिस लगाये जाने के विरोध में ‘नगीना कॉलोनी बचाओ संघर्ष समिति’ द्वारा बुद्ध पार्क हल्द्वानी में विरोध सभा का आयोजन किया गया। विरोध सभा के बाद बुद्ध पार्क से उप जिलाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकालते हुए उप जिलाधिकारी के माध्यम से कुमाऊं कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा गया। प्रदर्शन प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि पिछले 40-50 से अधिक सालों से लोग नगीना कॉलोनी में निवास कर रहे हैं। 3 मई को रेलवे ने 10 दिन के अंदर कॉलोनी खाली करने का नोटिस लगाया है, जोकि सरासर गलत है। रेलवे इससे पहले भी कई बार कॉलोनी में नोटिस चस्पा कर चुका है। कॉलोनीवासियों के पास वोटर कार्ड सहित विभिन्न पहचान पत्र हैं।

यहाँ तक कि बिजली-पानी कनेक्शन, सरकारी स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, राशन की दुकान (कंट्रोल), स्थायी निवास प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र इत्यादि भी मौजूद हैं। ऐसे में यह कालोनी भला कैसे अवैध है? नगीना कालोनी में रहने वाले लोग गरीब, मजदूर-मेहनतकश हैं। जो राजमिस्त्री, बढ़ई, मजदूरी, फड़, ठेला, सेंचुरी कंपनी में ठेका मजदूर, गौला नदी में मजदूरी इत्यादि काम करते हैं। गरीब, मजदूर-मेहनतकश अपनी मेहनत और हुनर से लालकुआं शहर सहित आसपास के इलाकों को भी बनाने और सजाने-संवारने का काम करते हैं। उनके कच्चे मकान, झुग्गी झोपड़ियां खाली हो जाएंगी तो वह कहाँ जाएंगे? उनके छोटे-छोटे बच्चों सहित स्कूल पढ़ने वाले छात्र कहाँ जाएंगे? गर्भवती महिलाओं, बीमार, बूढ़े लोगों का क्या होगा? इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाओं, मजदूरों, छात्र-नौजवानों ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।(‘मेहनतकश’ से साभार)

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