16 जून। योगेंद्र यादव और प्रो सुहास पलशीकर के बाद देश के 33 और शिक्षाविदों ने एनसीईआरटी को पत्र लिखकर राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों से खुद का नाम हटाने की माँग की है। एनसीईआरटी के निदेशक दिनेश सकलानी को बीते बुधवार को लिखे एक पत्र में पाठ्यपुस्तक तैयार करने वाली समिति के 33 सदस्यों ने कहा है कि “जो अस्वीकार्य है, और जो वांछनीय है, उसका निर्णय पारदर्शिता के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए अपारदर्शी रखा गया है।” उन्होंने पत्र में आगे कहा कि मूल पाठ्यक्रम में अब तक कई संशोधन किए गए हैं। जिसके बाद वे अलग-अलग किताबें बन गयी हैं। हमारे लिए अब यह दावा करना मुश्किल हो चुका है, कि ये वही किताबें हैं, जिन्हें हमने तैयार किया था। ऐसे में हम उनके साथ अब अपना नाम जोड़ना नहीं चाहते हैं।
Discover more from समता मार्ग
Subscribe to get the latest posts sent to your email.