22 अगस्त। जबलपुर में आयोजित प्रगतिशील लेखक संघ के 18वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पाकिस्तान से 10 प्रतिनिधियों को शामिल होना था लेकिन वीजा नहीं मिलने के कारण वे सम्मेलन में नहीं आ सके। पाकिस्तान के तरक्कीपसंद लेखकों ने सम्मेलन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए हरिशंकर परसाई का एक पोर्ट्रेट भेजा। यह पोर्ट्रेट सम्मेलन के मंच से परसाई जी के परिवारजनों को भेंट किया गया। 1936 में जब प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना हुई थी तब भारत का विभाजन नहीं हुआ था। इस महादेश का राजनीतिक विभाजन अब एक हकीकत है। लेकिन दोनों तरफ के प्रगतिशील लेखक कवि रंगकर्मियों कलाकारों ने इसे कभी दिल से मंजूर नहीं किया। पाकिस्तानी लेखकों द्वारा हरिशंकर परसाई को उनके जन्मदिन पर याद करना उसका सबसे बड़ा सुबूत है। उल्लेखनीय है कि कल 22 अगस्त को हरिशंकर परसाई जी का 100 जन्मदिन था।
– गोपाल राठी
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