सिरसा में कई किसानों पर राजद्रोह का केस, किसान मोर्चा ने की निंदा

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15 जुलाई। सिरसा (हरियाणा) पुलिस द्वारा ग्राम फग्गू से किसान बलकोर सिंहनीका सिंहदलजीत और मनदीप को गिरफ्तार करने और उनपर मनमाने तरीके से राजद्रोह का आरोप लगाने की निंदा की है। एक तरफ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश स्वतंत्र भारत में अंग्रेजों के जमाने के इस दमनकारी कानून के इस्तेमाल को लेकर अपनी चिंता जाहिर करते हैं और दूसरी तरफ हरियाणा की भाजपा सरकार के निर्देश के तहत पुलिस किसानों के खिलाफ इस कानून का बेजा इस्तेमाल करती है। संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा सरकार की इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा है कि उसकी ओर से सभी गिरफ्तार किसानों को पूर्ण कानूनी समर्थन दिया जाएगाऔर हरियाणा सरकार की बेजा कार्रवाई को सर्वोच्च न्यायालय तक के संज्ञान में  लाया जाएगा। ऐसा प्रतीत होता है कि हरियाणा की भाजपा सरकार शांतिपूर्ण किसान आंदोलन पर हमला करने और टकराव तथा आतंक का माहौल बनाने पर आमादा है। एसकेएम ऐसे सभी प्रयासों का डटकर विरोध करेगा और किसानों की मांगें पूरी होने तक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रखेगा।

संसद मार्च के आह्वान को उत्साहजनक समर्थन

संयुक्त किसान मोर्चा के 22 जुलाई से 13 अगस्त तक संसद मार्च के आह्वान को देशभर से जबर्दस्त और उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिल रही है। मोर्चा का दावा है कि पंजाब और हरियाणा के किसानों के अलावा तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र, तेलंगाना, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से बड़ी संख्या में किसान इस मार्च में भाग लेंगे। 26 जुलाई और 9 अगस्त को महिला किसानों के विशेष मार्च में उत्तर-पूर्वी राज्यों सहित पूरे भारत से महिला किसानों और नेताओं की बड़ी संख्या में भागीदारी होगी।

कलाकार फिर आए समर्थन में

संयुक्त किसान मोर्चा ने लोकप्रिय पंजाबी कलाकारों बब्बू मान, अमितोज मान, गुल पनाग और अन्य कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त किया है जिन्होंने 15 जुलाई को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचकर किसानों और स्थानीय लोगों के के लिए अपनी कला का प्रदर्शन किया। कलाकारों ने किसान आंदोलन को अपना पूरा समर्थन दिया और सभी नागरिकों से किसानों के समर्थन में खड़े होने तथा किसान आंदोलन के प्रति अपनी एकजुटता बढ़ाने की भी अपील की। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि देश के सभी वर्गों के लोग किसानों के समर्थन में सामने आ रहे हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मोदी सरकार किसानों को न्याय देने और देश के अन्नदाताओं के साथ खड़े होने के प्रति अनिच्छुक है।


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