बीमा के निजीकरण का विरोध

1

14 अगस्त। संसद के मानसून सत्र में ‘सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) संशोधन विधेयक, 2021’ पास कर दिया गया। यह विधेयक सामान्य बीमा व्यवसाय (राष्ट्रीयकरण) ऐक्ट, 1972 का संशोधन है। इसके तहत सरकारी बीमा कंपनियों में प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी को 49 प्रतिशत से अधिक बढ़ा दिया गया है।

इसे लेकर पूरे देश में विरोध तेज हो गया है।

एटक की महासचिव अमरजीत कौर का कहना है कि मोदी सरकार ने सामान्य बीमा कंपनियों के विनिवेश/निजीकरण के अपने बिल को आगे बढ़ाते हुए ध्वनिमत से सदन में बलपूर्वक पारित करा लिया है।

कौर ने आगे बताया कि कर्मचारियों और अधिकारियों की जीआईसी यूनियनों ने पूरे देश में विरोध की घोषणा की है।

एटक (अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस) ने भी लोगों से यह अपील की है कि वे अपने एटक समर्थन प्लेकार्ड या अपने संगठन के झंडे / तख्तियों के साथ विरोध स्थलों पर जाएं।

एटक ने आगे कहा कि जहां कोई जीआईसी नहीं है वहां अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए कार्यस्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित करना है।

लोगों को यह संदेश देना चाहिए कि यह क्रूर सरकार उनके पैसे को खा रही है और विदेशी और भारतीय शार्क- कॉरपोरेट्स के सामने संप्रभु राष्ट्र को बड़े जोखिम और नुकसान में डाल रही है।

समय आ गया है जब इसके खिलाफ एक मजबूत लड़ाई लड़ी जाए।

– अमित सिंह

( Workersunity.com से साभार)

1 COMMENT

Leave a Comment