22 नवंबर। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू मोर्चा पर बैठक के बाद रविवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भेजा। इस पत्र में एसकेएम ने इंगित किया है कि पीएम ने द्विपक्षीय समाधान के बजाय तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के सरकार के फैसले की एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, इसके बावजूद एसकेएम ने घोषणा का स्वागत किया। पत्र में सभी कृषि उपजों पर सभी किसानों के लिए लाभकारी एमएसपी (सी 2 + 50% स्तर पर) का कानूनी अधिकार और खरीद सुनिश्चित करना, विद्युत संशोधन विधेयक 2020/2021 की वापसी, किसानों को दिल्ली वायु गुणवत्ता विनियमन से संबंधित दंडात्मक प्रावधानों के दायरे से बाहर रखना और इसलिए, “राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम 2021” से धारा 15 को हटाना, वर्तमान आंदोलन में हजारों किसानों पर लगाए गए मुकदमे वापस लेना, केंद्रीय मंत्रिपरिषद से अजय मिश्रा टेनी की बरखास्तगी और गिरफ्तारी, आंदोलन के शहीदों के परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास सहायता और सिंघू मोर्चा पर उनकी याद में एक स्मारक का निर्माण।
पत्र के अंत में प्रधानमंत्री को यह याद दिलाया गया कि उन्होंने किसानों से घर वापस जाने की अपील की है। पत्र में कहा गया, “हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है। हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेतीबाड़ी में वापस लौटें। अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उपरोक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे। तब तक संयुक्त किसान मोर्चा इस आंदोलन को जारी रखेगा।” इस बीच, सभी घोषित कार्यक्रम योजनानुसार जारी रहेंगे, और 27 नवंबर 2021 को एसकेएम की बैठक में एक वर्ष से चल रहे आंदोलन की समीक्षा की जाएगी।
देश भर में कई राजनीतिक दल आंदोलन के लंबित मुद्दों से संबंधित समाधान पर एसकेएम की मांगों को मजबूती से उठा रहे हैं, चाहे वह एमएसपी कानूनी गारंटी से संबंधित हो या शहीदों के परिवारों को मुआवजा देने या प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने आदि से संबंधित हो।
लखनऊ में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की किसान महापंचायत ने किसानों की ताकत का भव्य प्रदर्शन किया। इस मौके पर एसकेएम के दर्जनों नेता मौजूद थे। सोमवार को लखनऊ पहुंचे कई नेताओं का हवाईअड्डे पर जोरदार स्वागत किया गया। वक्ताओं ने इस तथ्य पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री ने जो घोषणा की, वह विरोध कर रहे किसानों की केवल पहली जीत है। सरकार अभी भी बहुत सारी मांगों को मानने के लिए तैयार नहीं है। वक्ताओं ने अब तक एकजुट होकर संघर्ष कर रहे किसानों और मजदूरों को बधाई दी और उनसे संघर्ष जारी रखने का आग्रह किया।
महापंचायत में उत्तर प्रदेश सरकार को किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान न करने के खिलाफ चेतावनी दी गयी। सभी नेताओं ने लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड में न्याय के लिए अजय मिश्रा टेनी को गिरफ्तार करने और बर्खास्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। खेती-बाड़ी पर कॉर्पोरेट नियंत्रण के सफल विरोध का जिक्र करते हुए नागरिकों से आग्रह किया गया था कि वे आंदोलन से पैदा हुई चेतना और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए उसी भावना को जारी रखें।
लखनऊ किसान महापंचायत में कई एसकेएम नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी किसान हत्याकांड के शहीदों के परिवारजन मंच पर मौजूद थे। परिजनों का अभिनंदन किया गया।
नरेन्द्र पाटिल को श्रद्धांजलि
संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रीय मत्स्य कार्यकर्ता मंच (एनएफएफ) के अध्यक्ष नरेंद्र पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि पाटिल पूरे भारत में मछुआरा समुदायों के संघर्षों का नेतृत्व कर रहे थे। उनके निधन से मछुआरा समुदायों ने अपना एक मार्गदर्शक और प्रेरक व्यक्तित्व खो दिया है, वहीं किसान आंदोलन को भी अपने एक शुभचिंतक व साथी से हमेशा के लिए बिछुड़ना पड़ा है।
नागराज का स्वागत
कर्नाटक के के नागराज, कर्नाटक के एमएम हिल्स से सिंघू मोर्चा तक पदयात्रा कर 185 दिनों में 5100 किलोमीटर चलने के बाद, पहुंचने पर रविवार को गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उन्होंने पहले कर्नाटक के 31 जिलों का भ्रमण किया और फिर दिल्ली के लिए रवाना हुए। यात्रा के दौरान उन्होंने हर जगह विरोध कर रहे किसानों के मुद्दों का संदेश पहुँचाया। संयुक्त किसान मोर्चा ने सिंघू मोर्चा पहुंचने पर किसानों के प्रति उनकी भावना और समर्थन को सलाम पेश किया है। एसकेएम ने सोमवार को लखनऊ किसान महापंचायत में भाग लेने के लिए अमृतसर से लखनऊ पहुंचे जगदीश सिंह का भी अभिनंदन किया।
आंदोलन के गाने
एक बार फिर से लोकप्रिय गाने तैयार किए जा रहे हैं, ठीक वैसे ही जैसा पिछले साल इस समय के आसपास किये गए थे। पंजाब के एक लोकप्रिय गायक का एक गीत अब प्रचलित हो रहा है, जैसे आंदोलन के पिछले बारह महीनों में कई प्रेरक गीतों ने आंदोलन में किसानों को सक्रिय और लामबंद किया। गायक, कलाकार, खिलाड़ी, फिल्मी हस्तियां और अन्य प्रभावशाली शख्सियतें इस आंदोलन की प्रबल समर्थक हैं और एसकेएम ने इस समर्थन की सराहना की है।