संयुक्त राष्ट्र ने बताया सबसे ज्यादा भुखमरी कहां है

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29 जनवरी। विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने हंगर हॉटस्पॉट रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान और यमन में लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल रहा है और भूख की वजह से लोगों की जानें जा रही हैं।

इन देशों में पैदा हुई इस भयंकर स्थिति के लिए हिंसक संघर्ष के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाएं और राजनीतिक अस्थिरता को दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक इन देशों में हिंसक संघर्ष में फंसे लोग सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर-उधर भटक रहे हैं और वे अपनी जमीन, घर, रोजगार छोड़ने के लिए मजबूर हैं।

संयुक्त राष्ट्र की इन दोनों एजेंसियों का कहना है कि केवल इन चार देशों में ही हालात खराब नहीं हैं, बल्कि म्यांमार, मध्य अफ़्रीकी गणराज्य, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, मध्य सहेल, सूडान, दक्षिण सूडान, सोमालिया, इथियोपिया के उत्तरी हिस्सों, नाइजीरिया और मोजाम्बिक में भी ऐसे ही हालात बनने की आशंका है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि चरम मौसमी घटनाओं के कारण भी खाद्य सुरक्षा की बहुत बड़ी दिक्कत खड़ी होती जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया, “जलवायु परिवर्तन अब भविष्य की एक झलक मात्र नहीं है, बल्कि दुनिया भर में लोगों को लगभग रोजाना इस वास्तविक घटना से दो-चार होना पड़ रहा है।” खासकर हैती, पूर्वी अफ्रीका, मेडागास्कर, मोजाम्बिक और अफगानिस्तान के पश्चिमी क्षेत्र में इसका व्यापक असर देखा जा रहा है।

एफएओ और डब्ल्यूएफपी ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिस वजह से खाने-पीने के सामान की कीमतों में भी लगातार बढ़ोत्तरी होगी। रिपोर्टके मुताबिक 2020 से लगातार इन चीजों की कीमतों में वृद्धि हो रही है और हाल ही में उत्तर अफ्रीका और मध्य व पूर्वी एशिया में सबसे अधिक चिन्ताजनक रुझान देखा गया है।

इसके अलावा इथियोपिया, माली, उत्तरी नाइजीरिया, निजेर और सीरिया में समय से मानवीय सहायता न पहुंचने से हालात बिगड़ रहे हैं। साथ ही, मध्य अफ्रीका गणराज्य और कोलम्बिया में भी यही हालात बने रहने की आशंका है।

संयुक्त राष्ट्र की इन एजेंसियों ने अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में लोगों को भरपेट भोजन न मिलने पर चिंता जताते हुए कहा है कि यदि आनेवाले समय में जल्द ही इस संकट से नहीं निपटा गया तो आबादी का एक बड़ा हिस्सा भुखमरी का शिकार हो सकता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल लगभग 2.28 करोड़ अफगान नागरिक खाद्य असुरक्षा से पीड़ित हैं, और पर्याप्त भोजन न मिल पाने से उनके जीवन को खतरा है।

अफगानिस्तान के अलावा इथियोपिया, नाइजीरिया, दक्षिण सूडान, यमन, हॉर्न ऑफ अफ्रीका क्षेत्र आदि क्षेत्रों में खाद्य असुरक्षा एक बड़ा संकट बन चुका है। इनमें से कुछ देश तीसरी बार सूखे का सामना कर रहे हैं। कम बारिश होने की वजह से सहेल क्षेत्र में फसल और चरागाहों पर असर पड़ा है।

(डाउन टु अर्थ से साभार)


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