राजनीति

नेहरू का रचनात्मक राष्ट्रवाद

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— नीरज कुमार — जवाहरलाल नेहरू आधुनिक भारत के एक सुलझे हुए राजमर्मज्ञ थे। नेहरू जी का राजनीति-दर्शन उन जीवंत विचारों में निहित है जो उन्होंने मुख्यतः इतिहास के विवेचन, भारतीय राजनीति के निर्देशन और...

सांप्रदायिक ताकतों की फितरत

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— मुनेश त्यागी — सभी तरह की साम्प्रदायिक ताकतें वैसे तो अपने अपने धर्म की बातें करती हैं। पर असल में ये ताकतें धर्म की कम, अधर्म, अंधविश्वास और धर्मान्धता की बातें ज्यादा करती हैं।...

चीन के सामने

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— शिवानंद तिवारी — यह किस प्रकार की देशभक्ति है! देश के अंदर जो कमजोर हैं उन पर बहादुरी आजमाइए। उनको प्रताड़ित कीजिए,  उनको डराइए और धमकाइए। पड़ोसियों के मामले में जिस पाकिस्तान को हम...

क्या सोच रहे हैं उत्तर प्रदेश के मतदाता

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— डॉ सुनीलम की चुनावी डायरी — पिछले दिनों मेरा उत्तर प्रदेश के पाँच जिलों- मुजफ्फरनगर, सीतापुर लखनऊ, गाजीपुर और बनारस जाना हुआ। गाजीपुर बॉर्डर (उत्तर प्रदेश–दिल्ली की सीमा, जहाँ राकेश टिकैत के नेतृत्व में...

जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, आज का बुद्धिजीवी, शब्‍दों का मकड़जाल, उछलकूद, जलेबी की...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन —  (छठी किस्त) असमिया के प्रख्‍यात साहित्‍यकार, ज्ञानपीठ पुरस्‍कार विजेता, साहित्‍य अकादमी के भू.पू. अध्‍यक्ष वीरेन्‍द्र कुमार भट्टाचार्य लिखते हैं कि “जब लोहिया नेफा गये थे जिसे आजकल अरुणाचल प्रदेश कहा जाता है वे...

जी हाँ, हम अंधभक्‍त है, क्‍या राजनैतिक इतिहासकार रामचंद्र गुहा ,एनडीटीवी पत्रकार रवीश कुमार,...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (पाँचवीं किस्त) राजनैतिक विश्‍लेषक, इतिहासकार रामचंद्र गुहा द्वारा संपादित प्रस्‍तुत पुस्‍तक ‘मेकर्स ऑफ मॉडर्न इंडिया’ में एक पूरा अध्‍याय राममनोहर लोहिया पर ‘इनडिजअनस सोशलिस्‍ट’ ‘देशी सोशलिस्‍ट’  शीर्षक से लिखा गया है, लोहिया...

जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, क्‍या भारत-पाक महासंघ का विचार डरावना है?, क्‍या डॉ...

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (चौथी किस्त) लेखक ने इस लेख में लोहिया के विचार भारत-पाक महासंघ की अप्रासंगिकता भी पेश की है। वे लिखते हैं कि– “भारत-पाक महासंघ (भारत-पाक एका) का प्रस्‍ताव लोहिया विचार का...

भूख है तो सब्र कर

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— जयराम शुक्ल — मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे, आपके देश की जनता यही खा रही है। पिछले दिनों जब...

उत्तर-स्वराज्य और गांधी

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— श्रीभगवान सिंह — भारत के लिए जिस स्वराज्य का सपना गाँधी देख रहे थे, वह केवल ब्रिटिश पराधीनता से स्वाधीन होने तक सीमित नहीं था, अपितु उनके लिए उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण था देश...

जेपी व लोहिया की विरासत का वाहक बनता किसान आंदोलन

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— डॉ सुनीलम — कल समाजवादी चिंतक और भारतीय समाजवादी आंदोलन के प्रणेता डॉ.राममनोहर लोहिया की 54वीं पुण्यतिथि थी। परसों 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती थी। जेपी और लोहिया दोनों स्वतंत्रता...