राजनीति

जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, क्‍या भारत-पाक महासंघ का विचार डरावना है?, क्‍या डॉ...

1
— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (चौथी किस्त) लेखक ने इस लेख में लोहिया के विचार भारत-पाक महासंघ की अप्रासंगिकता भी पेश की है। वे लिखते हैं कि– “भारत-पाक महासंघ (भारत-पाक एका) का प्रस्‍ताव लोहिया विचार का...

भूख है तो सब्र कर

0
— जयराम शुक्ल — मुट्ठीभर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे, आपके देश की जनता यही खा रही है। पिछले दिनों जब...

उत्तर-स्वराज्य और गांधी

0
— श्रीभगवान सिंह — भारत के लिए जिस स्वराज्य का सपना गाँधी देख रहे थे, वह केवल ब्रिटिश पराधीनता से स्वाधीन होने तक सीमित नहीं था, अपितु उनके लिए उससे भी अधिक महत्त्वपूर्ण था देश...

जेपी व लोहिया की विरासत का वाहक बनता किसान आंदोलन

0
— डॉ सुनीलम — कल समाजवादी चिंतक और भारतीय समाजवादी आंदोलन के प्रणेता डॉ.राममनोहर लोहिया की 54वीं पुण्यतिथि थी। परसों 11 अक्टूबर को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती थी। जेपी और लोहिया दोनों स्वतंत्रता...

जब राज्य-पोषित हिंसा हो मुकाबिल

0
— राजू पाण्डेय — लखीमपुर खीरी की घटना एक चेतावनी है- हमारे लोकतंत्र का स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। श्री अजय कुमार मिश्र जिनके हिंसा भड़काने वाले बयान एवं गतिविधियां चर्चा में हैं, कोई सामान्य व्यक्ति...

जी हाँ, हम अंधभक्त हैं, क्योंकि लोहिया की इतिहास दृष्टि कार्ल मार्क्स, टायनबी, स्पेंगलर...

0
— प्रोफेसर राजकुमार जैन — (तीसरी किस्त) इतिहास चक्र की दुविधा शीर्षक से लोहिया दर्शन की कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर सवालिया निशान लगाने का प्रयास भी इस लेख में हुआ। लोहिया की पुस्तक ‘व्हील ऑफ हिस्ट्री’...

जी हाँ, हम अंधभक्त हैं ; लोहिया और गांधी ; क्या लोहिया का...

0
—प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — (दूसरी किस्त) ऐसी ही एक और घटना विश्वयुद्ध के दौरान हुई। गांधीजी का ऑल इंडिया रेडियो पर एक बयान प्रसारित किया गया जिसमें इंग्लैंड के वेस्टमिन्सटर ए.बे. की युद्ध में हो रही...

जी हाँ, हम अंधभक्‍त हैं, क्‍योंकि हम वस्‍त्र की तरह विचार नहीं बदलते

1
(पहली किस्त) — प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — फ़िलहाल मुल्‍क की पहली कतार के बुद्धिजीवी किसान नेता, स्‍वराज पार्टी ऑफ इंडिया नामक पार्टी के जन्‍मदाता जिनकी शीरे जैसी मीठी जुबान, अदब से भरी नफासत हो उनकी कलम...

गांधी को याद करने की सार्थकता तभी है जब हम हिंसा के विरुद्ध खड़े...

0
— विजय कुमार — देश आजादी के 75वें साल का जश्न मना रहा है। हमारी आजादी 75 साल की हो गयी है। आनेवाली 30 जनवरी को उनके जाने को भी 75 साल पूरा हो...

राजनीति निगेटिव चलेगी पर मीडिया पॉजिटिव चाहिए !

0
— श्रवण गर्ग — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदूवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के बीच उम्र में एक सप्ताह से भी कम का फासला है। डॉ भागवत प्रधानमंत्री से केवल...