राजनीति

Vote Chori

सूची नहीं लोकतंत्र का शुद्धीकरण होना चाहिए

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— अरुण कुमार त्रिपाठी — आपातकाल के पचास वर्ष पूरे होने पर एक बार फिर भारतीय लोकतंत्र संदेह के गहरे वातावरण में फंस गया है। अब तक ऐसा लगता था कि भारतीय समाज और लोकतंत्र...
When people start avoiding voting

जब लोग मतदान से कन्नी काटने लगेंगे

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— राकेश अचल — भारत में पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय चुनाव आयोग अविश्वसनीय हुआ है और जिस तरीके से आयोग ने बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान के नाम पर कतर व्योंत...
Jaydeep Dankad

जगदीप धनकड जन अदालत में हाजिर हों!

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— राकेश अचल — देश के पूर्व उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से लापता हैं. धनखड़ के बारे में कुछ अटकलें और सवाल उठे हैं कि उनके ठिकाने के...
Modi and China

मिले सुर मेरा तुम्हारा तो सुर बने हमारा

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— राकेश अचल — साल 1988 में पियूष पांडे द्वारा लिखा गया ये गीत पंद्रह भाषाओं में गाया गया. राग भैरवी का ये गीत आज के राजनीतिक परिदृश्य पर पूरी तरह से खरा उतर रहा...

हमें सिर्फ़ कश्मीर चाहिए, कश्मीरी नहीं?

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— श्रवण गर्ग — देश के नागरिकों की रुचि इस हक़ीक़त को जानने में होगी कि सत्तारूढ़ दल की नज़रों में कश्मीर और कश्मीरियों की हैसियत क्या है ? क्या वही है जो दुनिया के...
janeshwar mishra

जनेश्वर मिश्र जन्मदिन विशेष

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— चंचल — सुना जाय ! दीनदयाल जी सुनिए । आज जनेश्वर जी का जन्मदिन है । आप लोग बैठ कर तय कीजिये कि जनदिन की पार्टी में क्या क्या बनेगा ? - क्या क्या बनेगा...
Sindoori Spirit

कब और कहां नजर आएगी ‘सिंदूरी स्पिरिट’?

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— राकेश अचल — प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने पिछले दिनों सदन में कहा था कि ये देश अब सिंदूरी स्पिरिट से चलेगा, लेकिन ये सिंदूरी स्पिरिट अभी दूर - दूर तक नजर...

रिकार्ड तोड मोदी के लिए नेहरू अब भी चुनौती !

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— राकेश अचल — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगे देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू हैं और पीछे उनकी बेटी श्रीमती इंदिरा गांधी. मोदी जी ने श्रीमती इंदिरा गाँँधी के शासन का रिकार्ड पार...

धनकड की गति, धनकड जानें, और न जाने कोय

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— राकेश अचल — पू्र्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड जब तक खुद नहीं बोलेंगे तब तक किसी को भी ' धनकड गति ' की हकीकत का पता नहीं चलेगा, और मेरा पक्का यकीन है कि पूर्व...

आखिर बंगाल में नानी नहीं तो माँ की याद आ ही गई

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— राकेश अचल — हमारे देश में कुछ चीजें और रिश्ते ऐसे हैं जो आदमी को गाहे-बगाहे कहीं भी, किसी भी समय और किसी भी उम्र में या तो खुद-ब -खुद याद आ जाते हैं...