राजनीति

क्या विपक्ष दलित प्रधानमंत्री का दॉंव चलेगा?

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— प्रभात कुमार — आजादी के 75 साल हो गए, देश को अब तक दलित प्रधानमंत्री नहीं मिला, यह दांव विपक्षी पार्टियां चल सकती है। इसकी संभावना कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ गुजरात हाई...
Modi And Biden

भारत की मूल आत्मा सर्व धर्म समभाव की है

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— श्रवण गर्ग — दुनिया के सबसे बड़े सम्मान नोबेल शांति पुरस्कार से पुरस्कृत और अमेरिका जैसे ताकतवर मुल्क के राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा को बारह हजार किलोमीटर की दूरी पर बैठकर भारत के हिंदू-मुसलिम...

फिर शुरू हुआ मोदी का विपक्ष तोड़ो अभियान

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— शिवानन्द तिवारी — अजीत पवार के नेतृत्व में एनसीपी के विधायकों के दल बदल को अप्रत्याशित नहीं कहा जा सकता है। स्मरण होगा कि इसके पूर्व अहले सुबह, सूरज निकलने के पहले अजीत पवार...

मणिपुर, मेट्रो और मोदी जी की माया

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— अनुपम — यह वक्त है जब प्रधानमंत्री को मणिपुर की जनता से संवाद करना चाहिए था, इस कठिन घड़ी में उनका भरोसा और ढाढ़स बॅंधाना चाहिए था। लेकिन वो संवाद कर रहे हैं दिल्ली मेट्रो...

पंजाब में भाजपा क्या चाहती है?

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— परमजीत सिंह जज — वर्ष 2020-2021 में किसान आंदोलन के बाद और शिरोमणि अकाली दल से अपना गठबंधन तोड़ने के बाद, भाजपा पंजाब की चुनावी राजनीति को प्रभावित करने के लिए हरसंभव प्रयास कर...

हिन्दू धर्म को उग्र और उन्मादी बनाने का एजेंडा

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— अनुपम — फिल्म अदिपुरुष के नाम पर जो कुछ भी हुआ है, उसको समझने के लिए हमें थोड़ा पीछे जाना पड़ेगा। हिन्दू देवी-देवताओं को पारंपरिक तौर पर सौम्य, सहज और शालीन दिखाया जाता रहा है।...

जब नेताजी ने कहा, गांधीजी मेरे गुरु हैं

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— विनोद कोचर — लोहिया जयंती पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने, विषय से हटकर, ये कहते हुए नरेंद्र मोदी की विरुदावली गाई थी कि जिस तरह महात्मा गांधी के पास कोई डिग्री...

विकल्प भी अगर हिंदुत्व है तो फिर भाजपा ही क्या बुरी है?

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— श्रवण गर्ग — कर्नाटक फतह के बाद विंध्य पार करते ही कांग्रेस इस नतीजे पर पहुँच गई कि नफरत का कोई बाजार अब कहीं मौजूद नहीं है, मोहब्बत की दुकानें ही चारों तरफ खुली...

मोदी सरकार के 9 साल, देश हुआ बेहाल

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— प्रभात कुमार — देश में 9 सालों से नरेंद्र मोदी की सरकार है। अगले साल 2024 में देश में आम चुनाव होना है। एक बार फिर से आम लोगों के बीच महंगाई और बेरोजगारी...

‘राजा’ की सनक का एक और उदहारण!

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— श्रीनिवास — अमूमन हर राजा-बादशाह और शासक अपने कार्यकाल में कुछ ऐसा कर जाना चाहता था, जिस कारण इतिहास में उसे खास स्थान मिल जाए। वे इसके लिए खर्च की परवाह नहीं करते थे।...