खेल, खेल ना रहा!

0
— प्रो. राजकुमार जैन — हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच की मुनादी होते ही दोनों मुल्कों में खलबली मच जाती है, जुनूनी माहौल फैलने लगता...

गोवर्धन पूजा : एक क्रांति

0
— रामशरण — सूरदास के एक मशहूर गीत में कृष्ण मां यशोदा से पूछते हैं कि सब गोरे हैं तो मैं क्यों काला हूं। आज...

क्या विभाजन के लिए गांधीजी जिम्मेवार थे?

0
विभाजन के लिए गांधीजी को जिम्मेदार माननेवाली हिन्दूराष्ट्रवादी विचारधारा के अंधभक्त अनुयायियों को इतिहास का कुछ भी ज्ञान नहीं है। 1942 का 'अंग्रेजो, भारत छोड़ो...

लोकतंत्र को बचाने का जेपी मार्ग

0
— पुनीत कुमार — आधुनिक भारत में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की भूमिका को समझना और उसकी व्याख्या करना बेहद जरूरी जान पड़ता है। आज की...

आज के संदर्भ में स्वराज के सूत्र

0
— सुनील सहस्रबुद्धे और चित्रा सहस्रबुद्धे — वर्तमान शासन के बारे में समझ यह बन रही है कि यह अधिनायकवादी है, भारतीय संविधान का सम्मान...

जब जयप्रकाश का बिगुल बजा

0
— विनोद कोचर — लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जीवन और कार्य इस हद तक क्रान्तिकारी है कि समय के किसी भी पड़ाव पर नौजवानों को...

स्मरण मुलायम सिंह यादव

0
— गोपाल राठी — नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर उन्हें अलग अलग ढंग से याद किया जा रहा है। भारतीय राजनीति में उनके...

नेताजी को प्रणाम, जिन्होंने हिन्दी प्रदेश की राजनीति को बदल दिया

0
— रमाशंकर सिंह — भिंड जिले में स्थित मेरे पैतृक गॉंव से ‘नेताजी‘ की सैफई की दूरी बहुत नहीं है, कौवा उड़े तो पचास किमी...

जलवा एक खांटी समाजवादी का!

0
— अंबरीश कुमार — मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनका एक अलग स्थान रहा। उत्तर भारत की सामाजिक न्याय की...

समन्वय संस्कृति के पर्व

0
— रामशरण — दशहरा या दुर्गा पूजा हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। यह देश के अधिकांश हिस्सों में दस दिनों तक...