ये विचार दो महानायकों के थे एक दूसरे के बारे में

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बरक्स महात्मा गांधी की भी चर्चा चल रही होगी। ठीक है कि भारत की आजादी का कोई भी विमर्श महात्मा गांधी का नाम लिये...

नेताजी की नजर में गांधी

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— गोपाल राठी — संघी बिरादरी अपने सुनियोजित प्रचार के जरिए नेहरू के खिलाफ सरदार पटेल को और महात्मा गांधी के खिलाफ सुभाष बाबू को...

हमें फ़ख्र है कि हमने उस महामानव से बात की है

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— प्रोफ़ेसर राजकुमार जैन — महात्‍मा गांधी के हमसफ़र-अनुयायी, आज़ादी की जंग के महान योद्धा ख़ान अब्‍दुल ग़फ्फार ख़ान, जिन्‍हें ‘बादशाह ख़ान’, ‘सरहदी गांधी’ तथा ‘बच्‍चा...

कहाँ से चले थे कहाँ आ गये हम!

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— जयराम शुक्ल — देश में हिंदू-मुसलमान को लेकर आज जो चल रहा है उसे देखते हुए मेरे अवचेतन मन में अपने गाँव के कुछ...

लड़ाई हिन्दुस्तानियत बचाने की है

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— क़ुरबान अली — भारत में हाल के दिनों में जो घटनाएं सामने आयी हैं उससे मन बहुत खिन्न है। पहले उत्तराखंड के हरिद्वार में पिछले...

विषमता की खाई में विकास की समाधि

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— जयराम शुक्ल — लोकभाषा के बडे़ कवि कालिका त्रिपाठी ने कभी रिमही में एक लघुकथा सुनाई थी। कथा कुछ ऐसी थी कि..दशहरे के दिन...

बुल्ली बाई प्रकरण : संवेदनाओं और मूल्यों की नीलामी

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— राजू पाण्डेय — निश्चित ही नफरत के पुजारियों ने इस बात का जश्न मनाया होगा कि वे बीस-इक्कीस वर्ष की आयु के तीन हिन्दू...

उनके व्यक्तित्व की छाप मेरे मन पर बनी रहेगी

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— मेधा पाटकर — बिहार के ग्रामीण क्षेत्र में संगीत के साथ जोड़कर शिक्षा-कार्य करनेवाले घनश्याम शुक्ला जी के देहांत की खबर जब दिल को...

हर पल मनाएं जिन्दगी का जश्न

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— जयराम शुक्ल — समय की गति के हिसाब से हर नया विहान ही नया वर्ष है। हर क्षण अगले क्षण की पृष्ठभूमि बनता जाता...

असमानता और रंगभेद पर टिका है सौंदर्य प्रतियोगिता का बाजार

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— डॉ अमृता पाठक — विश्व स्तर पर इस महीने हुई सौंदर्य प्रतियोगिता में भारत की महिला हरनाज संधू मिस यूनिवर्स बनीं और मीडिया ने...