स्मरण मुलायम सिंह यादव
— गोपाल राठी —
नेताजी मुलायम सिंह यादव के निधन पर उन्हें अलग अलग ढंग से याद किया जा रहा है। भारतीय राजनीति में उनके...
नेताजी को प्रणाम, जिन्होंने हिन्दी प्रदेश की राजनीति को बदल दिया
— रमाशंकर सिंह —
भिंड जिले में स्थित मेरे पैतृक गॉंव से ‘नेताजी‘ की सैफई की दूरी बहुत नहीं है, कौवा उड़े तो पचास किमी...
जलवा एक खांटी समाजवादी का!
— अंबरीश कुमार —
मुलायम सिंह यादव नहीं रहे। उत्तर प्रदेश की राजनीति में उनका एक अलग स्थान रहा। उत्तर भारत की सामाजिक न्याय की...
समन्वय संस्कृति के पर्व
— रामशरण —
दशहरा या दुर्गा पूजा हिन्दुओं के सबसे बड़े पर्वों में से एक है। यह देश के अधिकांश हिस्सों में दस दिनों तक...
क्यों नहीं थमते ये नफरती बोल?
— मुनेश त्यागी —
कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, साध्वी ऋतंभरा और कई सारे तथाकथित धार्मिक गुरु, धार्मिक मांएं और साधु संन्यासी पिछले काफी...
अरबपतियों की भारत छोड़ो योजना
— रमाशंकर सिंह —
खबर थी कि आठ हजार करोड़पति (वास्तव में कहना चाहिए कि अरबपति क्योंकि जो बाहर बसने की तैयारी में हैं वे...
पत्रकारिता की मानक भाषा और स्थानीयता
— डॉ. हेमंत जोशी —
हिंदी भाषा और विशेषकर पत्रकारिता की भाषा के संदर्भ में आज हो रही बहस कोई नई नहीं है, तर्क वितर्क...
स्वामिभक्त बुलबुल
— रमाशंकर सिंह —
बुलबुल बगैर किसी रास्ते और छेद के कोठरी में घुस आती थी फिर सावरकर को अपने पंखों पर बिठा कर मातृभूमि...
बिलकिस बानो अगर बिमला देवी होती
— योगेन्द्र यादव —
पंद्रह अगस्त से बार-बार मेरे जेहन में हिंदी के महान कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रसिद्ध कविता ‘देश कागज पर बना...