मधु लिमये की याद में!

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— विनोद कोचर — ये एक सुखद और एक तरह से, क्रांतिकारी संयोग ही था कि आपातकाल के बंदीवास के दौरान मुझे दो महीनों तक...

अमीर खुसरो पर विजयदेव नारायण साही

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— परिचय दास — विजयदेव नारायण साही हिंदी साहित्य के प्रमुख आलोचक और चिंतक थे, जिनकी आलोचना-शैली तर्कपूर्ण, गहराई से विश्लेषणात्मक और मौलिक दृष्टिकोण पर...

सावित्री बाई फुले और फ़ातिमा शेख!

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— ध्रुव गुप्त — देश में स्त्री शिक्षा की अलख जगाने वाली और स्त्रियों के अधिकारों की योद्धा सावित्री बाई फुले की जयंती पर आज...

रवि किरण जी को विनम्र श्रद्धांजलि

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इस अनित्य संसार में जीवन-मरण के कालचक्र से कोई बाहर नहीं है। लेकिन कुछ लोग अपने जीवनकाल में दूसरे लोगों का सहारा बन जाते...

लोकबन्धु राजनारायण की पुण्यतिथि है आज

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उम्र 69 साल. जेल गए 80 बार. जेल में बिताए कुल 17 साल, जिसमें तीन साल आजादी से पहले और 14 साल आजादी के...

जब डॉक्टर मनमोहन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे।

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— राजकुमार जैन — 1969 -71 में डॉ मनमोहन सिंह दिल्ली यूनिवर्सिटी के दिल्ली स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में प्रोफेसर थे। उनकी सादगी, शराफत, तथा विद्वता...

सिनेमा के ‘नागार्जुन’ को सलाम

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— संजय श्रमण — कला और कला से जुड़ी समाज दृष्टि को हर दौर में पुनर्परिभाषित करना होता है। कला सृजन का ही नहीं...

जब ईश्वर अल्ला की प्रेरणा आई

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— अरविंद मोहन — गान्धी का प्रिय भजन ‘वैष्णव जन ते’ किस भाषा मेँ है? यह सवाल आज बेमानी हो गया है. उसकी भाषा जो...

डॉ अंबेडकर का सोशलिस्टों से तालमेल!

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— प्रोफेसर राजकुमार जैन — आजकल मुल्क की सियासत में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर को लेकर रस्साकशी जारी है, तथा हर पार्टी, नेता, समूह,...

लोहिया का सुप्रसिद्ध भाषण ‘मार्क्सवाद और समाजवाद’

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— विनोद कोचर — 1952 तो क्या,1967 तक भी आरएसएस के असली चरित्र को लोहिया नहीं पहचान पाए थे। लोहिया कम्युनिस्टों और कांग्रेसियों पर ही...