Tag: Contemporary Hindi Poetry
अनिल अनलहातु की तीन कविताएं
इस कोरोना काल में
इस कोरोना काल में
इस कोरोना काल में
इस संक्रमण काल में
जब दसों दिशाएं हैं बंद
धरती और आकाश भी है निस्पंद
वनस्पति, औषधियां जल...
कोरोना काल : सात कविताएं – कैलाश मनहर
एक
लॉकडाउन के इस उबाऊ समय में
बिस्तर पर पड़ा रहूँ आलस्य करते
सुबह-सुबह अख़बार देख लूँ सरसरे तौर पर
जो भी किताब हाथ लगे उसे पढ़ने लगूँ
बीच...
बोधिसत्व की पांच कविताएं
1.
इससे तो अच्छा था !
इस जीवन से अच्छा था!
मैं पैदल गांव जा रहे किसी मजदूर के
नंगे पैरों का जूता हो जाता!
या मैं एक राह...
कोरोना काल पर कुछ कविताएं
— विनोद दास —
कोरोना में चांद
शाखों के बीच
झांक रहा है उदास चांद
खोज रहा है कबूतर सी प्रणय भरी आँखें
गौरैया ग्रीवा सरीखे काँपते-धड़कते दिल
मीठी गप्पें
गुनगुनाते...
नवल शुक्ल की पांच कविताएं
1.
पुरुष बहुत जल्दी थक जाते हैं
पुरुष बहुत जल्दी थक जाते हैं
अक्सर वे थके ही रहते हैं
वे अपनी थकान से अधिक थक जाते हैं ।
वे बार-बार...
सुभाष राय की छह कविताएँ
1.
सुबह
जब हुकूमत की
सांसें फूलने लगी हैं
‘रामराज्य’ पतन की ओर अग्रसर है
एक बार फिर कुछ बहुत साधारण लोग मौत से
दो-दो हाथ करने की हिम्मत जुटाकर बाहर
निकल...
प्रकाश मनु की दो कविताएं
1.
अपने शहर की उस छोटी सी नदी को याद करते हुए
कहाँ गई वह नदी जो बहती थी अलमस्त
छलाँगें लगाती
और जीवन हरियाता था दूर-दूर तक
हरी...
श्रमजीवियों के हक में कविता की लाठी
— शिवदयाल —
भूख, शोषण और हकतलकी जिनके पल्ले आया है सत्तर साल की आजादी में, उन्हीं श्रमजावी मानव-समूहों, जन-गण के जीवन के अंधेरों, उनके...
प्रयाग शुक्ल की सात कविताएं
1.
जल के साथ जल हूँ
जल के साथ जल हूँ,
खेतों तक उसे लाता हुआ।
बीज के साथ बीज हूँ,
उसे उगाता हुआ।
हवा के साथ हवा हूँ,
फसल के...
केशव शरण की कविताएं
मालूम नहीं
तारे तब दिखाई देंगे
जब आसमान दिखाई देगा
जब आसमान दिखाई देगा
जब तारे दिखाई देंगे
तब चांद दिखाई देगा
जल्दी ढल जाने वाला
कितने चरणों की यात्रा होगी
उसके...