25 नवम्बर। भारत में हाल ही में कई राज्यों में बच्चों को खसरा हो जाने के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। विशेष रूप से महाराष्ट्र इस समय खसरे के प्रकोप से जूझ रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में पिछले एक महीने में 13 बच्चों की खसरे से मौत हो चुकी है। बीते बुधवार तक शहर में 233 पुष्ट मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 200 से अधिक पिछले दो महीनों में दर्ज किए गए थे। अब तक हुईं 13 मौतों में से नौ मुंबई में, जबकि बाकी चार शहर के बाहरी इलाकों में दर्ज की गईं। वहीं आसपास के क्षेत्रों में जिन्होंने इस बीमारी के बढ़ते मामलों की सूचना दी है, उनमें (17 नवंबर तक) मालेगांव में 51, भिवंडी में 37, ठाणे में 28, नासिक में 17, ठाणे ग्रामीण में 15, अकोला में 11, नासिक और यवतमाल में 10-10 और कल्याण-डोंबिवली और वसई-विरार में 9-9 मामले दर्ज किए गए हैं।
महाराष्ट्र के अलावा बिहार, गुजरात, हरियाणा, झारखंड और केरल में भी मामलों की संख्या के बढ़ने की खबरें आई हैं। राज्य सरकारें और केंद्र सरकार द्वारा रोकथाम के कदम तुरंत शुरू करने की तैयारी की जा रही है। लेकिन अब सामने आया है कि यह सिर्फ भारत की समस्या नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया में खसरे के मामलों में बढ़ोत्तरी की समस्या मुंह बाए खड़ी है।
एक नई रिपोर्ट ने दावा किया है, कि 2021 में पूरी दुनिया में करीब चार करोड़ बच्चों को खसरे के खिलाफ दिए जाने वाले टीके की खुराक नहीं मिली। विश्व स्वास्थ्य संगठन और अमेरिका की सीडीसी द्वारा संयुक्त रूप से जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है, कि करीब 2.5 करोड़ बच्चों को पहली खुराक नहीं मिली और करीब 1.47 करोड़ बच्चों को दूसरी खुराक नहीं मिली।
DW की रिपोर्ट के मुताबिक, यह गिरावट खसरे को दुनिया से जड़ से मिटाने के प्रयासों के लिए एक बड़ा धक्का है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधनोम ने कहा कि यह कैसी विडंबना है, कि जहाँ कोविड के खिलाफ तो टीके रिकॉर्ड समय में बना लिये गए और दे भी दिए गए, वहीं आम टीकाकरण कार्यक्रमों पर बुरा असर पड़ा और करोड़ों लोगों के लिए जोखिम खड़ा हो गया। भारत में इस समस्या का काफी व्यापक असर हुआ है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अकेले मुंबई में पिछले दो महीनों में 200 से भी ज्यादा मामले सामने आए हैं। यह पिछले कुछ सालों में सामने आने वाले मामलों के मुकाबले एक बड़ी उछाल है।