आईफोन बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी चायनीज फैक्ट्री में मजदूरों का विद्रोह, हजारों छोड़कर भागे

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26 नवम्बर। एप्पल को सबसे ज्यादा आईफोन बनाकर देने वाली चीनी फैक्ट्री में बवाल मचा हुआ है। जेंगझाउ शहर में स्थित फॉक्सकॉन की फैक्ट्री में हजारों मजदूरों ने विरोध शुरू कर दिया है, लात-घूँसे भी चले हैं। चायनीज वीडियो शेयरिंग ऐप काइशॉ पर फॉक्सकॉन के ही कर्मचारियों ने वहाँ के लाइव वीडियो शेयर किए। वहाँ के कुछ वीडियो ट्विटर पर भी हैं। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि हजारों की संख्या में आईफोन बनाने वाले मजदूर विरोध कर रहे हैं, हाथापाई भी होते देखा जा सकता है। कुछ वीडियो में मजदूरों को मिलने वाले खाने को लेकर शिकायत वाली बात भी है। कुछ वीडियो में यह दिखाया गया है कि कंपनी के वादे के अनुसार उन लोगों को न तो प्रति घंटे ज्यादा वेतन दिया जा रहा है, न ही बोनस का भुगतान नहीं किया गया।

चीन के जेंगझाउ शहर में फॉक्सकॉन की आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री की क्षमता 2 लाख मजदूरों की है। इनके बहुत सारे मजदूरों को कोविड हो गया। उनको ठीक से क्वॉरंटाइन नहीं किया गया। बाकियों को भी कोविड फैल न जाए, इसके डर से हजारों मजदूर फैक्ट्री छोड़कर भाग गए। फैक्ट्री से हजारों की संख्या में भागते कर्मचारियों के वीडियो भी चायनीज सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हुआ। कम मजदूर और कम उत्पादन के चक्कर में ही 1 लाख नए मजदूरों की बहाली की गई, वो भी ज्यादा सैलरी और बोनस वगैरह का लालच देकर। नए मजदूरों को कंपनी की ओर से आश्वासन दिया गया था कि उन्हें पुराने मजदूरों से अलग रखा जाएगा, अलग काम कराया जाएगा। लेकिन ऐसा किया नहीं गया। इस कारण से नए मजदूरों को भी कोविड की चपेट में आ जाने का भय हुआ। और तो और, बोनस और नौकरी के नियम-कानून भी जो बोला गया था, उससे अलग था।

चीन में कोविड-कंट्रोल की नीति और फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के दमन के लिए बनाए गए नियम-कानूनों के कारण यह हालात पैदा हुए। आपको जानकर आश्चर्य होगा, कि कोविड-कंट्रोल के नाम पर फॉक्सकॉन की आईफोन बनाने वाली फैक्ट्री से कर्मचारी घर नहीं जा सकते। इन मजदूरों का रहना और काम करना सब कुछ इसी फैक्ट्री की चहारदीवारी के भीतर होता है।

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