6 फरवरी। बिना पुनर्वास किये दिल्ली में बसी तमाम झुग्गियों को तोड़ने के नोटिस लगातार जारी किये जा रहे हैं। जिसके कारण इन झुग्गियों में रहने वाले गरीब मजदूर परिवारों पर आवास का संकट आ गया है। इसके विरोध में बीते रविवार को को झुग्गी में रहने वाले लोगों ने मजदूर आवास संघर्ष समिति के बैनर तले ‘पहले पुनर्वास फिर विस्थापन’ की माँग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन किया। विदित हो, कि कुछ दिनों पहले भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग ने तुगलकाबाद में बसी झुग्गियों को तोड़ने का नोटिस जारी किया था। इसके बाद से वहाँ रहने वाले परिवार लगातार पुनर्वास की माँग कर रहे हैं।
‘मजदूर आवास संघर्ष समिति’ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, आज जब देश में आगामी सितम्बर महीने में G-20 सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है, जिसमें कई देशों के प्रमुख सहित अन्य सलाहकार भी भाग लेंगे, किंतु इस तैयारी के लिए इस समय झुग्गियों रहने वाले और असंगठित क्षेत्र के हजारों श्रमिकों को बिना किसी पुनर्वास और आजीविका के उनके घरों से बेदखल किया जा रहा है, जिससे क्षुब्ध होकर वे ‘पहले पुनर्वास फिर विस्थापन” की माँग को लेकर जंतर-मंतर पर एकत्र हुए हैं। समिति ने आरोप लगाया कि सरकार देश भर से गरीब दलितों और आदिवासियों की जमीनों को जबरन छीनकर मुट्ठी भर पूंजीपतियों को बेच रही है, और तूफान की तरह बुलडोजर से बस्तियों में तोड़फोड़ कर रही है। समिति ने आगे कहा कि कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के बजाय बुलडोजर का उपयोग करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है।