17 सितंबर। छात्र-युवा संगठनों के देशव्यापी आह्वान पर प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर आयोजित बेरोजगार दिवस एक्स(ट्विटर) पर छाया रहा। युवाओं ने एक्स पर तकरीबन 8 लाख पोस्ट कर रोजगार अधिकार के लिए आवाज बुलंद की। एक्स पर दिन भर बेरोजगार दिवस ट्रेंड करता रहा। संयुक्त युवा मोर्चा की केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान ने सैकड़ों युवाओं के हस्ताक्षरयुक्त पत्रक राष्ट्रपति को प्रेषित कर कल से शुरू हो रहे संसद के विशेष सत्र में रोजगार अधिकार विधेयक लाने, देश भर में एक करोड़ रिक्त पदों को तत्काल भरने, सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग पर रोक व रेलवे, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैकिंग, बीमा, पोर्ट, बिजली, कोयला जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण बंद करने और रोजगार सृजन हेतु वित्तीय उपलब्धता के लिए कारपोरेट्स पर संपत्ति व उत्तराधिकार कर लगाने जैसे मसलों को हल करने की अपील की। सोशल मीडिया के अलावा भी संयुक्त युवा मोर्चा के रोजगार अधिकार अभियान के तत्वावधान में बेरोजगार दिवस के मौके पर प्रयागराज, सोनभद्र, सीतापुर, लखीमपुर, चंदौली समेत कई जनपदों में धरना प्रदर्शन कर रोजगार का सवाल हल करने की मांग की गई।
प्रयागराज में सैकड़ों छात्रों ने युवा मंच के बैनर तले धरना प्रदर्शन कर उत्तर प्रदेश में रिक्त पदों को भरने के चुनावी वायदे को पूरा करने का मुद्दा उठाया। प्रयागराज में युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह व संयुक्त युवा मोर्चा टीम उत्तर प्रदेश के सदस्य ई. राम बहादुर पटेल ने अगुवाई की।
सोनभद्र में संयुक्त युवा मोर्चा टीम उत्तर प्रदेश की सदस्य सविता गोंड व ई. रामकृष्ण बैगा, युवा मंच जिलाध्यक्ष रूबी सिंह गोंड, विजय गुप्ता व युवा मंच की सुगवंती गोंड ने विभिन्न स्थानों पर हुए कार्यक्रमों का नेतृत्व किया। लखनऊ में युवा मंच के रवींद्र यादव, सीतापुर में युवा मंच जिलाध्यक्ष नागेश गौतम व संयुक्त युवा मोर्चा टीम उत्तर प्रदेश की सदस्य शैजा बानो, लखीमपुर में जमशेदपुर अली, संत कबीर नगर में बागीश धर राय, चंदौली में अखिलेश दुबे व शामली में कुलदीप कुमार ने नेतृत्व किया।
युवा नेताओं ने कहा कि प्रदेश में 6 लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं लेकिन इन्हें भरने को लेकर योगी सरकार कतई गंभीर नहीं है। प्रदेश में हालात इतने खराब हैं कि सालों से लंबित भर्तियां अधर में हैं। अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में सरकारी आंकड़ों में 25 हजार पदों का अधियाचन प्राप्त है लेकिन विज्ञापन महज 4163 पदों के लिए जारी हुआ है, उसकी भी परीक्षा साल भर से लंबित है। इसी तरह कोविड काल में परिषदीय विद्यालयों में 1.39 लाख पदों को खत्म कर दिया गया।
– राजेश सचान