10 मार्च। 8 मार्च को अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार की नयी आबकारी नीति के विरोध में और दिल्ली में पूर्ण शराबबंदी लागू करने की मांग को लेकर ऑल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की तरफ से एक जुलूस का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली के विभिन्न छात्र संगठनों और युवा संगठनों ने हिस्सा लिया। विरोध जुलूस के बाद सभा हुई जिसे विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने संबोधित किया। आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की तरफ से सीता सिंह (दिल्ली राज्य अध्यक्ष), रितु कौशिक (दिल्ली राज्य सचिव) तथा रिज़वाना ने सभा को संबोधित किया। सभा की अध्यक्षता आल इंडिया महिला सांस्कृतिक संगठन की दिल्ली राज्य उपाध्यक्ष, एडवोकेट दीपिका जैन ने की।
वक्ताओं ने कहा कि यह सर्वविदित है कि महिलाओं पर बढ़ते अपराधों के कारणों में शराबखोरी की एक प्रमुख कारण है। हमने कोरोना काल के दौरान देखा कि जब शराब की दुकानें खोल दी गयीं और होम डिलीवरी शुरू कर दी गयी तो किस कदर महिलाओं पर घरेलू हिंसा व बलात्कार जैसे अपराधों में वृद्धि हुई थी। यह सब चीजें जानने-बूझने के बावजूद दिल्ली सरकार शराबखोरी बढ़ाने पर तुली है। दूसरी ओर, केजरीवाल जी पंजाब जाकर अपने चुनावी भाषण में कहते रहे कि उनकी सरकार बनी तो पंजाब को 6 महीने के अंदर नशामुक्त कर देंगे।
अश्लीलता व नशाखोरी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों के चलते ही आज हमारे समाज में सांस्कृतिक व नैतिक पतन चरम पर पहुंच गया है। इसके अलावा आज हमारे देश में महिलाओं के प्रति प्रतिक्रियावादी नजरिए को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिलाओं को क्या पहनना चाहिए, क्या खाना चाहिए, किससे प्यार करना चाहिए, इसके लिए भी फरमान जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार की यह नयी आबकारी नीति अत्यंत विनाशकारी साबित होगी।
वक्ताओं ने कहा कि देश के अन्नदाताओं ने भी हमें सिखाया है कि यदि हमारी मांग व हमारा संघर्ष सही दिशा में हो और यदि हम एकजुट होकर संघर्ष करें तो बड़ी से बड़ी ताकत को झुकाया जा सकता है। उन्होंने आगे दिल्ली की तमाम महिलाओं, छात्रों और नौजवानों से आह्वान किया कि सभी एकजुट हों तथा इस विनाशकारी नीति का पुरजोर विरोध कर समाज को नशे के गर्त में डूबने से बचाएं।
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