हसदेव अरण्य को बचाने की खातिर आदिवासियों ने किया हाईवे जाम

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22 मई। छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य क्षेत्र में राजस्थान को परसा कोल ब्लॉक आबंटन का विरोध तेज हो गया है। शुक्रवार को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की अपील पर प्रदेश भर के आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए नेशनल हाइवे-130 पर चक्का जाम कर दिया। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे पटरी पर बैठकर राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड, केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ आक्रोश जाहिर किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था, कि कुछ भी हो जाए लेकिन खदान नहीं खुलने देंगे, पेड़ों की बलि नहीं चढऩे देंगे।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार की अनुमति मिलने के बाद परसा कोल ब्लॉक क्षेत्र के साल्ही, हरिहरपुर, जनार्दनपुर, फतेहपुर में परसा कोल ब्लॉक के लिए लाखों पेड़ की कटाई होनी है। इसकी शुरुआत भी हो चुकी थी, और वन विभाग ने 300 से अधिक पेड़ों को काट दिया था। लेकिन ग्रामीणों के विरोध के बाद वन विभाग ने कटाई बंद की है। इधर जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए ग्रामीण पिछले 80 दिनों से धरना प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इसकी गूँज प्रदेश की राजधानी रायपुर से लेकर दिल्ली तक पहुँच गयी है। फिर भी किसी प्रकार से जंगल को कटने से बचाने का कोई प्रयास नहीं दिख रहा है। इस कारण ग्रामीण अब उग्र हो चुके हैं।

आंदोलन में पहुंचे पूर्व सांसद और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि पाँचवीं अनुसूची क्षेत्र में प्रथा प्रभावशील होती है, लेकिन भूपेश सरकार ने ग्रामीणों की भावनाओं के विपरीत फर्जी ग्रामसभा कर परसा कोल ब्लॉक आवंटन को मंजूरी दी है। 1,250 हेक्टेयर जमीन इसके दायरे में आ रही है। इससे कई गाँवों के लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ेगा। लाखों पेड़ काटे जाएंगे। जल, जंगल, जमीन को बचाने ग्रामीण 2 मार्च से प्रभावित क्षेत्र के ग्राम हरिहरपुर में शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन उद्योगपतियों को फायदा पहुँचाने में लगे हैं।

शासन द्वारा माँगों पर सुनवाई नहीं करने से आक्रोशित ग्रामीणों ने आम छत्तीसगढ़वासियों से एकजुट होकर आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया था। उन्होंने कहा, कि शुक्रवार का आंदोलन सांकेतिक है। यदि इसके बाद भी शासन-प्रशासन द्वारा परसा कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द नहीं किया गया तो और उग्र आंदोलन किया जाएगा। हजारों की संख्या में लोग राष्ट्रीय राजमार्ग और रेलवे ट्रैक पर उतर आए। इससे 6 घंटे आवागमन पूरी तरीके से बाधित रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा।

आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा, कि जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार नहीं बनी थी, तब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने वादा किया था, कि वे हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोल ब्लॉक आवंटन नहीं होने देंगे। यदि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी तो किसी भी कीमत पर जंगल उजड़ने नहीं दिया जाएगा। आज छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी कोयला खनन के लिए फर्जी तरीके से अनुमति दे दी गयी है। ग्रामीणों ने कहा, कि जब तक कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द नहीं किया जाता तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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