25 जून। लोकविद्या जनांदोलन के तत्वावधान में विद्या आश्रम सारनाथ में 25 जून शनिवार को संगोष्ठी आयोजित हुई।लगभग सौ लोगों की इस आपसी वार्ता में क्षेत्र के बहुत से किसान आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता शामिल थे। कई लोगों को बोलने का मौका मिला। लगभग सभी ने किसान की आय पर बात की और अग्निपथ योजना को रोजगारपूर्ण योजना होना तो दूर, जनविरोधी और किसान विरोधी बताया।
संयुक्त किसान मोर्चा के संगठनात्मक रूप में सभी ने अपनी आस्था दिखाई और यह आशा जताई कि संगठन के ऐसे रूप पूरे समाज को बड़े बदलाव की ओर ले जाने की क्षमता रखते हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा की केंद्रीय समन्वय समिति के सदस्य मुख्य वक्ता शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने यह बताया कि भारत में कृषि क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार उपलब्ध कराता है। अग्निपथ जैसी योजना के माध्यम से लगातार किसान परिवारों को तोड़ने की साजिश चल रही है। साथ ही वक्ताओं ने कहा कि सरदार पटेल कहा करते थे कि “एग्रीकल्चर इज अवर कल्चर”।
सीमा पर 99.8 परसेंट शहीद हुए किसानों के बच्चे होते हैं। उसके बाद भी वे उपेक्षित हैं।
मध्यप्रदेश से आए अतिथि वक्ता गोपाल राठी (किसान मजदूर परिषद) ने व्यवस्था परिवर्तन की बात कही, उन्होंने बताया कि कोई भी सरकार किसान और देश के हित में नहीं है, सभी सरकारी खेती-किसानी को बर्बाद करने के उद्देश्य से काम कर रही हैं। इसलिए संपूर्ण व्यवस्था परिवर्तन के लिए आंदोलन की शुरुआत करनी होगी।
वक्ताओं ने कहा कि रोजगार सृजन के लिए सरकार के पास कोई दृष्टि नहीं है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ चित्रा सहस्रबुद्धे और संचालन चौधरी राजेंद्र ने किया। वक्ताओं में डॉ सुनील सहस्रबुद्धे, अफलातून, प्रोफेसर महेश विक्रम, रामजनम, डॉ पारमिता, डॉ रमन, मोहम्मद अहमद, रामदयाल, प्रज्ञा सिंह, लक्ष्मण मौर्य आदि प्रमुख थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रेमलता सिंह ने किया।
– लक्ष्मण प्रसाद मौर्य
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