3 अप्रैल। खेती-किसानी तथा गांव को कॉरपोरेट हमले से बचाने और लोगों को तीन किसान विरोधी कानूनों की हकीकत बताने के मकसद से दांडी से 30 मार्च को शुरू हुई मिट्टी सत्याग्रह यात्रा जारी है। यह यात्रा 31 मार्च को वल्लभभाई पटेल की जन्मभूमि करमसाद पहुंची, फिर साबरमती आश्रम और हिम्मतनगर होते हुए 1 अप्रैल को डूंगरपुर (राजस्थान) में प्रवेश कर गई। राजस्थान का दौरा पूरा कर मिट्टी सत्याग्रह यात्रा 3 अप्रैल को सिरसा (हरियाणा) और मानसा (पंजाब) से होकर 4 अप्रैल को संगरूर, फिर, जींद, फिर रोहतक होते हुए 5 अप्रैल को दिल्ली बार्डर पर पहुंचेगी। यात्रा के दौरान जनसभा, लोगों से बातचीत, क्रांतिकारी गीत-गायन, स्थानीय जनसंगठनों से चर्चा आदि का सिलसिला जारी है। मेधा पाटकर और सुनीलम आदि के नेतृत्व में निकाली गई इस यात्रा में शामिल लोग देश-भर के विभिन्न स्थानों से मिट्टी लेकर चल रहे हैं। शहीद किसानों की याद में इस मिट्टी से स्मारक बनाया जाएगा। यहां पेश है यात्रा की कुछ झलकियां।