14 अगस्त। राजस्थान के जालोर जिले के सुराणा में 20 जुलाई को तीसरी कक्षा के छात्र इंद्र मेघवाल द्वारा पानी का मटका छू लेने पर अध्यापक छैल सिंह द्वारा इतनी पिटाई की गई, कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया, बच्चे को उपचार हेतु अहमदाबाद में भर्ती कराया गया था, जहाँ उपचार के दौरान 13 अगस्त को सुबह 11 बजे इंद्र की मृत्यु हो गई। पुलिस को परिजनों द्वारा तहरीर देकर आरोपी अध्यापक छैल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
आखिर यह सब कब तक चलेगा? एक मासूम बच्चे ने मटकी छू लिया, तो क्या पहाड़ टूट पड़ा? कौन सा धर्म खतरे में आ गया? इतने बर्बर, हत्यारे जाति अंध लोग जिस देश में शिक्षक हो, वे क्या पढ़ाएंगे? ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहिए। ये समानता नहीं भेदभाव सिखा रहे है और हत्याएँ कर रहे हैं। हत्यारी और जातिवादी मानसिकता के शिक्षकों को शिक्षण कार्य से बाहर किया जाना चाहिए। गिरफ्तारी हो और त्वरित कानूनी प्रक्रिया पूरी करके कठोर सजा दी जानी चाहिए। परिजनों को मुआवजा मिले और स्कूल सिस्टम भेदभाव मुक्त बने, शैक्षणिक जगत सुरक्षित और गरिमामय वातावरण बने, यह जरूरी है।