रीवा में नारी चेतना मंच का 28वां वार्षिक सम्मेलन संपन्न

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20 फरवरी। नारी चेतना मंच का 29वां स्थापना दिवस एवं 28वां वार्षिक सम्मेलन पूनम जनवासा, रिलायंस पेट्रोल पंप के पास नेहरू नगर में सारगर्भित चर्चा और महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता नारी चेतना मंच की वरिष्ठ नेत्री पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा (भोपाल) ने की। बढ़ते उपभोक्तावाद के खिलाफ सम्मेलन में प्रस्ताव पारित किया गया। पारित प्रस्ताव में कहा गया कि बढ़ती उपभोक्तावादी अपसंस्कृति महिलाओं की अस्मिता पर सीधा हमला है। इसके चलते नारी सम्मान भी बुरी तरह आहत हुआ है। आज अघोषित आपातकाल की स्थिति नागरिक आजादी के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। सम्मेलन में जीवन के हर क्षेत्र में समतामूलक भागीदारी के लिए बड़े बदलाव की जरूरत पर जोर दिया गया।

नारी चेतना मंच ने कहा है कि बाल विवाह पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाने चाहिए लेकिन लड़कियों की निर्धारित शादी की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष को बढ़ाना किसी भी दृष्टि से सही नहीं होगा। महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए उन्हें रोजगार की जरूरत है न कि उनके खाते में सरकार के द्वारा कुछ पैसे डालकर वोट बैंक बनाने की। लड़कियों की शादी कराना भी सरकार का काम नहीं है, उसे लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अग्रसर होना चाहिए। प्रदेश में शराबबंदी की जगह शिवराज सरकार के द्वारा अहाताबंदी की जा रही है जिससे शराब जैसी सामाजिक बुराई का कारोबार रुकने वाला नहीं है। सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि मादा भ्रूण हत्या पुरुष प्रधान समाज के चलते होती है जिसे खासतौर से पढ़े लिखे समाज के द्वारा बढ़ावा दिया जाता है। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की तुलना में भ्रूण हत्या के मामले काफी कम हैं।

सम्मेलन की शुरुआत में संयोजक अजय खरे के द्वारा रिपोर्ट रखी गई जिसमें साल भर की गतिविधियों का जिक्र किया गया। पेश की गई रिपोर्ट में जय स्तंभ बचाने के अभियान में उन सभी संगठनों एवं व्यक्तियों को सराहा गया जिन्होंने दीप प्रज्वलन सत्याग्रह में अपना कीमती समय दिया। नारी चेतना मंच ने अगले 1 वर्ष के लिए अपना दस सदस्यीय अध्यक्ष मंडल का गठन किया है जिसमें ममता शर्मा, मीरा पटेल, नजमुन्निसा, कलावती रजक, सुधा सिंह, गीता महंत, माया सोनी, शारदा श्रीवास्तव, डॉ श्रद्धा सिंह, श्वेता पांडे को रखा गया है। सम्मेलन में इन सभी की सक्रिय भागीदारी रही। नारी चेतना मंच ने कहा है कि आवश्यकतानुसार अध्यक्ष मंडल में विस्तार भी किया जा सकता है। संपन्न कार्यक्रम में डॉ इंदु निशा खान, शकुंतला वर्मा आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।


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