25 मई। एक भर्ती निकाय के मुताबिक, कंपनियों द्वारा ठेकेदारों के माध्यम से काम पर रखे गए फ्लेक्सी कर्मचारियों की नौकरियां एक साल पहले की तुलना में 7.7 फीसदी कम हो गईं, और लगभग 60,000 आउटसोर्स अनुबंध कर्मियों ने मार्च में समाप्त हुए वित्तवर्ष में सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नौकरी खो दी। एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, देश भर में 120 से अधिक भर्ती एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडियन स्टाफिंग फेडरेशन के अध्यक्ष लोहित भाटिया ने कहा, आईटी फ्लेक्सी स्टाफिंग सेक्टर के भीतर नए रोजगार सृजन में गिरावट आईटी हायरिंग में वैश्विक मंदी को दर्शाता है। उन्होंने कहा, कि हालांकि मैन्युफैक्चरिंग, लॉजिस्टिक्स और रिटेल सेक्टर में हायरिंग मजबूत रही, जिसे घरेलू कंज्यूमर डिमांड से मदद मिली।
रिपोर्ट के अनुसार, 194 बिलियन डॉलर के आईटी क्षेत्र, जिसकी सॉफ्टवेयर सेवाओं ने व्यवसायों को महामारी के दौरान ऑनलाइन खरीदारी और दफ्तर से बाहर काम करने की आदतों को अपनाने में मदद की, इस वर्ष मंदी का सामना कर रहा है। मुंबई स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार, अप्रैल में देश में बेरोजगारी दर लगातार चौथे महीने बढ़कर 8.11 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने 7.8 फीसदी थी। फेडरेशन ने कहा, कि मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2022-23 में वेंडरों के माध्यम से 177,000 नौकरियों को जोड़ते हुए अन्य क्षेत्रों में भी पिछले वर्ष के 230,000 श्रमिकों की तुलना में फ्लेक्सी कर्मचारियों की कुल माँग में कमी आई है।
(‘मेहनतकश’ से साभार)