29 मई। मध्य प्रदेश में एक बार फिर एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की नाराजगी सामने आई है। संविदा कर्मियों का आरोप है, कि सरकार ने उनके साथ वादाखिलाफी की है, जिसको लेकर उन्होंने सोमवार को राजधानी भोपाल में प्रदर्शन किया। इस दौरान इन स्वास्थ्य कर्मियों का सीएम आवास पहुँचने का भी कार्यक्रम था, लेकिन पुलिस ने इन्हें बीच में ही रोक कर केवल प्रतिनिधिमंडल को मुख्यमंत्री आवास पर जाने की अनुमति दी।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आने वाले प्रदेश भर के करीब 32 हजार संविदा स्वास्थ्यकर्मी बीते लंबे समय से अपने नियमितीकरण समेत अपनी अन्य माँगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पिछले महीने हुई हड़ताल के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद इन संविदा स्वास्थ्यकर्मियों को आश्वासन दिया था, कि उनकी कई माँगें 15 मई तक पूरी कर दी जाएंगी, लेकिन डेडलाइन के कई दिनों बाद भी अभी तक सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ।
प्रमुख माँगें
1) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को विभाग में रिक्त पदों पर नियमित किया जाए, अथवा 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा पारित की गई नीति रेगुलर कर्मचारियों के समकक्ष 90 फीसदी वेतनमान तत्काल लागू किया जाए, एवं सीएचओ कैडर को एमएलएचपी कैडर के तहत नियमित किया जाए।
2) राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से हटाकर आउटसोर्स किए गए सपोर्ट स्टाफ कर्मचारियों को पुनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में मर्ज किया जाए अथवा विभाग में रिक्त पदों पर समायोजन किया जाए एवं पद समाप्ति के कारण निष्कासित किए गए कर्मचारियों को तत्काल वापस लिया जाए।
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