10 अगस्त। उत्तर प्रदेश में लाखों रिक्त पदों को भरने के चुनावी वायदे को पूरा करने के बजाय स्वीकृत पदों को ही खत्म करने के योगी सरकार के फैसले पर संयुक्त युवा मोर्चा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। आंकड़ों से पता चला है कि पिछले दो साल में देशभर के कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में साल 2020-21 में पूरे देश में 𝟓𝟎,𝟎𝟏,𝟎𝟏𝟔 पद स्वीकृत पदों में से सत्र 2022-24 में 𝟏,𝟗𝟎,𝟕𝟗𝟎 पद खत्म कर दिये गये; इसमें उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में 1,39,777 स्वीकृत पदों को खत्म किया जाना विशेष रूप से उल्लेखनीय है।
उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पूर्व में योगी सरकार द्वारा हेडमास्टर के सवा लाख पदों को खत्म किया जा चुका है। बावजूद इसके सरकारी आंकड़ों में अभी भी 1.26 लाख पद रिक्त हैं लेकिन सरकार इन रिक्त पदों को भरने से इनकार कर रही है, साथ ही बार-बार छात्र-शिक्षक अनुपात में शिक्षामित्रों व अनुदेशकों को शामिल करने का हवाला देकर आरटीई अधिनियम और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पारित आदेश का उल्लंघन और युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। यह वादाखिलाफी और लाखों युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। इसी तरह उत्तर प्रदेश में अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में टीजीटी पीजीटी के 26 हजार से ज्यादा रिक्त पदों के बावजूद महज 4,163 पदों पर विज्ञापन जारी किया गया। दरअसल, उत्तर प्रदेश में अभी भी 6 लाख से ज्यादा पद रिक्त पड़े हुए हैं लेकिन सरकार की मंशा इन्हें भरने की कतई नहीं है।
संयुक्त युवा मोर्चा ने कहा है कि तथाकथित डबल इंजन की सरकार युवाओं के साथ डबल धोखा कर रही है। एक तरफ लाखों स्वीकृत पदों को खत्म किया जा रहा है, दूसरी ओर जो अभी भी पद खाली हैं उन्हें भरने से इनकार किया जा रहा। गौरतलब है कि संयुक्त युवा मोर्चा द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र में रिक्त पड़े तकरीबन एक करोड़ पदों को देशव्यापी रोजगार अधिकार अभियान में प्रमुखता से उठाया जा रहा है।
सरकार अब रेलवे, बैकिंग, बीमा, बिजली-कोयला, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों का भी निजीकरण करने पर आमादा है। लाखों पदों को खत्म करना प्राथमिक शिक्षा क्षेत्र में निजीकरण की प्रक्रिया का ही हिस्सा है जोकि आरटीई अधिनियम एवं अन्य संवैधानिक प्रावधानों के विरुद्ध है।
‘संयुक्त युवा मोर्चा’ ने 15 जुलाई को दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय अधिवेशन में देशव्यापी रोजगार अधिकार अभियान चलाने का फैसला लिया है, उत्तर प्रदेश में इसकी रणनीति के लिए 19 अगस्त को लखनऊ में मीटिंग बुलाई गई है। देश भर में युवा महापंचायतें करने का भी फैसला लिया गया है। इस मुहिम की शुरुआत 5 सितंबर को प्रयागराज में युवा महा पंचायत से होगी।
– राजेश सचान