24 मई। ‘युवा हल्ला बोल’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष और देश में रोजगार के सवाल को मजबूती से उठानेवाले युवा नेता अनुपम ने बिहार की नीतीश कुमार सरकार को ‘पढ़ाई, कमाई, दवाई’ के मुद्दों पर पूरी तरह फेल बताया है। मौका था बिहार के 94000 शिक्षक अभ्यर्थियों की बहाली करवाने को लेकर चलाए गए ट्विटर कैम्पेन का। इस कैम्पेन के तहत ‘बिहार नीड्स टीचर्स’ की मांग के साथ लाखों ट्वीट हुए और देशभर में लगातार ट्रेंड करता रहा।
अनुपम ने कहा कि बिहार सरकार की ढिलाई और संवेदनहीनता के कारण प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी वर्षों से नियुक्ति नहीं हुई है। एक तरफ तो सरकार बार बार आश्वासन देती रही, वहीं दूसरी तरफ बहाली करने की बजाय अब तक सिर्फ बहानेबाजी की गई। भले अब न्यायालय का बहाना बनाकर सरकार पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रही है लेकिन सच तो यह है कि शिक्षक अभ्यर्थियों द्वारा बार बार गुहार लगाने के बावजूद अर्जेंट हियरिंग के लिए केस मेंशनिंग नहीं की गई। इसलिए अब स्पष्ट हो चुका है कि भाजपा-जदयू की सरकार में शिक्षक बहाली करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति की घोर कमी है।
अनुपम ने याद दिलाया कि भारत सरकार के अपने आँकड़ों के अनुसार देशभर में खाली पड़े स्वीकृत पदों में सबसे अधिक पद शिक्षकों के ही हैं। राष्ट्रीय स्तर पर दस लाख शिक्षकों से भी ज्यादा रिक्त पदों में से अकेले बिहार में 3,15,778 पद खाली हैं। बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था के बारे में देश-दुनिया में चर्चा होती रहती है। ऐसे में किसी भी सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए थी कि जल्द से जल्द इन खाली पड़े पदों को भरे। ऐसा करना सिर्फ बेरोजगारी के संकट को दूर करने के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था को संभालने के लिए भी अत्यंत आवश्यक कदम है। लेकिन बिहार सरकार का रवैय्या बहुत ही दुखद और निंदनीय है। बेरोजगार युवाओं की गुहार सुनने की बजाय बिहार की संवेदनहीन सरकार आए दिन लाठियां चलाती हैं।
‘युवा हल्ला बोल’ की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य डॉ. अखिलेश कुमार ने सवाल किया कि अगर इतनी वाजिब मांग के लिए भी बेरोजगार युवाओं को आंदोलन करना पड़े तो किस काम की सरकार है ये, किस बात का लोकतंत्र है हमारा? डॉ. अखिलेश ने कहा कि शिक्षक अभ्यर्थियों के साथ हुए अन्याय के खिलाफ अंत तक पूरी मजबूती से संघर्ष किया जाएगा, जब तक कि बहाली हो नहीं जाती।जिस तरह ‘युवा हल्ला बोल’ ने देश के अन्य हिस्सों में महापंचायत का आयोजन किया उसी तरह राजधानी पटना में भी शिक्षक बहाली के मुद्दे पर ज़ोरदार ‘युवा महापंचायत’ होगा।