जनराज्य राज्य बनाम हिन्दू राज्य – जयप्रकाश नारायण

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जे पी ने नौजवानो से कहा – सम्प्रदायवाद, फिरकापरस्ती एवं जातिवाद को समाप्त कर किसान मजदूर का राज कायम करें।

देश के सामने नाजुक हालत है। हम अपने नौजवान साथियों से खासकर अपील कर रहे हैं – नौजवानो, आपने इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाया, वह सफल हुआ। किन्तु, सफलता आधी ही मिली है। राजनितिक इंकलाब में हम सफल हुए ,हम आजाद हैं। लेकिन दूसरा इंकलाब बांकी है। हमे सामाजिक क्रांति करनी है। गरीबी, सांमतवादी और और जाति भेद को दूर करना है। जाति भेद को दूर किये बिना हम उन्नति की और नहीं बढ़ सकते। आजादी के बाद समाजवाद ही एक रास्ता रह गया है। सारी दुनिया में समाजवाद की लहर है। पूंजीवाद बूढा हो चला है।

यूरोप में इसका जन्म हुआ, वहां इसके दफ़न की तयारी चल रही है। हिंदुस्तान में समाजवाद कायम करना है, तो ऊंच नीच जात पात का भेद हटाना होगा। साम्प्रदायिकता और फिरकापरस्ती को लात मारनी होगी। आप ही नौजवानो पर असर है। अफ़सोस आप धोखे में आकर भगवा के पीछे दौड़ रहे हैं। आपका झंडा तिरंगा है। जिसे आपने खून से रंगा है। इस झंडे हटाकर कांग्रेस को मिटाकर आप हिन्दू राज्य भी कायम नहीं कर सकते। सारा देश टुकड़े टुकड़े में बात जाएगा। दिल्ली का गौरव नष्ट हो जाएगा। राजे महाराजे पूँजीपतियों की चांदी होगी, सभी पिस जाएंगे।

आप गलत जगह पर खड़े न हो। जो लोग तिरंगे के सामने सर नहीं झुकाते, वे गद्दार है देश द्रोही हैं। आइये, देशद्रोही को दूर भगाएं। आज भारत माता कीचड़ में पड़ी। उसे हिमालय के शिखर पर रखें और उसके बर्दहस्त की छाया तले एक ऐसा राज्य बनाएं, जो जनता का राज्य हो, किसानो और मजदूरों का राज्य हो। जिस राज्य में सब सुखी रहें सब सानंद रहें।

– जे पी, अब्दुल गफ्फार खान के साथ

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