कल दिल्ली रेलवे स्टेशन पर जो भगदड़ मची जिसमें अभी तक मीडिया व सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार पच्चीस के लगभग श्रृद्धालुओं की मृत्यु हो चुकी है अत्यधिक दुखद है। इन निर्दोष श्रृद्धालुओं की मृत्यु की जिम्मेदारी रेलवे और शासन की है। क्या इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जमा होने की जानकारी और वह भी देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र सरकार के खुफिया तंत्र, रेलमंत्री व रेल के उच्च अधिकारीयों को नहीं थी।
अगर रेल प्रशासन ने जरा भी ध्यान दिया होता तो यह घटना नहीं घटी होती। आर पी एफ, जी आर पी व खुफिया तंत्र कहां था।
जिस प्रकार बड़ी संख्या में अलाहाबाद ( प्रयागराज) के टिकिट खरीदे जा रहे थे अगर उससे भी अनुमान लगाया जाता तो शायद कुछ वैकल्पिक व्यवस्था को सोचते पर रेल मंत्रालय से लेकर रेलवे के शीर्ष अधिकारियों ने आपराधिक उपेक्षा की।
इस गंभीर घटना को सही अर्थों में रेल प्रशासन और गृह मंत्रालय की कर्तव्य हीनता के द्वारा की गई हत्या जैसा माना जाना चाहिए।
लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी महामहिम राष्ट्रपति जी से अपील करती है कि रेल मंत्री श्रीवैष्णव को बर्खास्त करें क्योंकि उनका विश्वास सार्वजनिक जीवन की नैतिकता में नहीं है ओर वे कभी भी अपनी नैतिक, वैधानिक, प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं स्वीकारेंगे।
ग्रह मंत्री श्री अमित शाह जी को भी इस खुफिया तंत्र की असफलता को अपनी नैतिक जिम्मेदारी मान कर इस्तीफा देना चाहिए।
प्र मंत्री जी ने मृतकों को श्रृद्धांजलि देने की प्रशासनिक औपचारिकता तो पूरी की है पर परंतु वह तो केवल शाब्दिक “शोक स्यापा” है। अगर वे कुछ करना चाहते हैं तो उन्हें तत्काल रेल मंत्री श्रीवैष्णव से इस्तीफा लेना चाहिए। और जिम्मेदार शीर्ष अधिकारियों को गिरफ्तार करने का आदेश देना चाहिए।
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