14 जून। हिंद मजदूर सभा ने श्रम राज्यमंत्री संतोष गंगवार को एक पत्र लिखकर कहा है कि न्यूनतम मजदूरी और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतनमान तय करने के मामले में सरकार टालमटोल करना बंद करे और श्रमिक संगठनों के साथ विचार-विमर्श करके इस बारे में शीघ्र निर्णय करे।
हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजनसिंह सिद्धू की ओर से श्रम राज्यमंत्री को लिखे गए पत्र में इस बात पर रोष व्यक्त किया गया है कि केंद्र सरकार ने श्रमिक संगठनों से विचार-विमर्श किए बिना न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतनमान के मसले पर 3 जून को एक नई समिति गठित कर दी। एचएमएस ने कहा है कि यह टालमटोल के अलावा और कुछ नहीं है। हीलाहवाली करने की सरकार की मंशा इसी से जाहिर है कि नई समिति को तीन साल का कार्यकाल दिया गया है।
सरकार ने इससे पहले, 2018 में सत्पथी कमेटी बनाई थी। लेकिन उसकी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। फिर उसपर सरकारी खजाने से पैसा क्यों खर्च हुआ? और अब एक नई कमेटी बना दी गई है, यह कहते हुए कि न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतनमान के निर्धारण में वैश्विक पैमानों का ध्यान रखा जाएगा। जो सरकार अपने ही बनाए श्रम कानून के मुताबिक न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतनमान लागू नहीं कर रही है उसे वैश्विक पैमानों का ध्यान रखने का दम नहीं भरना चाहिए।
हिंद मजदूर सभा के पत्र में सरकार से यह मांग की गई है कि वह देशभर में न्यूनतम मजदूरी और न्यूनतम वेतनमान तय करने के लिए राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन बुलाकर, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ विचार-विमर्श करके शीघ्र निर्णय ले और नई समिति को फौरन भंग कर दे। समिति-दर-समिति गठित करने का कोई फायदा नहीं है, यह सिर्फ सरकारी पैसे की बरबादी है। टालमटोल का यह खेल मजदूर समझ चुके हैं और सरकार को इससे बाज आना चाहिए।