6 फरवरी। स्वराज इंडिया ने कर्नाटक में कॉलेजों में हिजाब पहननेवाली छात्राओं को प्रवेश से वंचित करने की कार्रवाई को निन्दनीय करार दिया है। उडुपी में इस तरह के एक मामले से शुरुआत के बाद, कर्नाटक के कई कॉलेजों ने हिजाब पहननेवाली छात्राओं को प्रवेश से वंचित कर दिया है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि हिजाब कॉलेजों में ड्रेस कोड का हिस्सा है। छात्राओं के एक समूह के लिए शैक्षिक संस्थानों के गेट बंद किये जाने की तस्वीरें, सत्ताधारी दल द्वारा अपनायी जा रही नफरत और भेदभाव की नीति के प्रभाव की दुखद याद दिलाती है।
स्वराज इंडिया की अध्यक्ष क्रिस्टीना सामी ने कहा है कि हिजाब पहनने या न पहनने का फैसला पूर्णतया छात्राओं के व्यक्तिगत अधिकार क्षेत्र में आता है। भारत में हर नागरिक को अपने धर्म व उसके विभिन्न पहलुओं को मानने की आजादी है, जिस पर कोई भी सांस्थानिक या व्यक्तिगत रोक नहीं लगायी जा सकती। भारतीय संविधान के प्रावधान व मूल्यों के अनुसार हर नागरिक (इसमें धर्म, लिंग, जाति, क्षेत्र के आधार पर अंतर नहीं किया जा सकता) खुद ही तय कर सकता है कि वह क्या पहने या न पहने।
क्रिस्टीना सामी ने कहा है कि हम सत्तारूढ़ दल के प्रयासों, और उसकी घृणा और भेदभाव की नीति के खिलाफ खड़े हैं, जो छात्रों के बीच वैमनस्य पैदा करना चाहता है, और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार से वंचित करता है।
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