आरएसएस का असल एजेंडा क्या है
— विनोद कोचर —
इलाहाबाद में 16 से 19 अक्टूबर 2022 को आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में, आरएसएस के सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि, "देश में...
क्या कांग्रेस में बदलाव की शुरुआत हो चुकी है?
— राजू पाण्डेय —
कांग्रेस पर परिवारवाद का आरोप लगानेवाले कांग्रेस-विरोधियों को निराश करते हुए पार्टी के अध्यक्ष पद का बहुप्रतीक्षित और बहुचर्चित चुनाव अंततः लोकतांत्रिक रीति से सफलतापूर्वक संपन्न हो गया और मल्लिकार्जुन खड़गे...
संविदा प्रथा अभिशाप है
— धर्मेन्द्र श्रीवास्तव —
ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने संविदाकर्मियों/श्रमिकों को नियमित करने का निर्णय लिया है, यह बहुत ही स्वागतयोग्य कदम है। संविदा प्रथा अभिशाप है। पूर्व में संविदाकर्मियों का बेइंतहा शोषण होने...
आज के संदर्भ में स्वराज के सूत्र
— सुनील सहस्रबुद्धे और चित्रा सहस्रबुद्धे —
वर्तमान शासन के बारे में समझ यह बन रही है कि यह अधिनायकवादी है, भारतीय संविधान का सम्मान नहीं करता है, वैश्विक पूँजी के साथ मेल में और...
आज के भारत में विषमता कितनी है
— रमाशंकर सिंह —
विदेशमंत्री जयशंकर का यह ताजा बयान कि भारत प्रति व्यक्ति 2000 डॉलर (160000 रु. आय प्रतिवर्ष यानी करीब 13333 रु प्रतिमाह यानी 438 रु रोज) की अर्थव्यवस्था है, भी अर्धसत्य है...
यह जॉंच है या जाल?
— डॉ सुरेश खैरनार —
मौजूदा सत्ताधारी दल जांच एजेंसियों को 2014 के पहले पिंजरे का तोता कहता था। लेकिन 2014 में केंद्र की सत्ता हासिल करने के बाद उसी तोते को बीजेपी ने गिद्ध...
क्यों नहीं थमते ये नफरती बोल?
— मुनेश त्यागी —
कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, प्रवेश वर्मा, साध्वी ऋतंभरा और कई सारे तथाकथित धार्मिक गुरु, धार्मिक मांएं और साधु संन्यासी पिछले काफी दिनों से अपने भाषणों से समाज और देश में सांप्रदायिक...
राहुल गांधी की राजनीति
— रामशरण —
सोलह सितंबर को एक अद्भुत दृश्य देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक बूढ़ी महिला, संभवतः मलयाली, आकर राहुल गांधी से यूं लिपट गई जैसे लंबे...
बिलकिस बानो अगर बिमला देवी होती
— योगेन्द्र यादव —
पंद्रह अगस्त से बार-बार मेरे जेहन में हिंदी के महान कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की प्रसिद्ध कविता ‘देश कागज पर बना नक्शा नहीं होता’ गूंज रही है। इधर देश आजादी की...